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Kuwait Fire Tragedy: कुवैत अग्निकांड में मारे गए भारतीयों के शव को लाए जाएगा वतन, वायुसेना का विमान तैयार

By अंजली चौहान | Updated: June 13, 2024 12:21 IST

Kuwait Fire Tragedy: इमारत में करीब 200 लोग रहते थे और अधिकारियों की ज्यादातर मौतें नींद में धुंए के कारण हुई।

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Kuwait Fire Tragedy: कुवैत में दर्दनाक अग्निकांड में एक दर्जन से ज्यादा भारतीयों की मौत ने देश को हिला कर रख दिया है। मंगाफ शहर में स्थित इमारत में बुधवार रात आग लगने के कारण करीब 42 भारतीयों की मौत हो गई जिनके शव इस कदर जल गए है कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग में कम से कम 48 लोग मारे गए हैं और उनमें से 42 भारतीय बताए जा रहे हैं।

इस हादसे पर भारतीय सरकार ने फौरन एक्शन लिया और विदेशी मंत्रालय ने कुवैत में मोर्चा संभाला। केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि कुवैत में आग लगने से मारे गए कुछ भारतीयों के शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है और पीड़ितों की पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए जांच की जा रही है।

विदेश राज्य मंत्री का पदभार संभालने के तुरंत बाद खाड़ी देश पहुंचे गोंडा के सांसद ने कहा कि शवों को घर लाने के लिए भारतीय वायुसेना का विमान तैयार है। उन्होंने कहा, "जैसे ही शवों की पहचान हो जाएगी, उनके परिजनों को सूचित कर दिया जाएगा और हमारा वायुसेना का विमान शवों को वापस ले आएगा।"

कैसे हुई घटना?

छह मंजिला इमारत में आग कल सुबह रसोई से लगी। इमारत में करीब 200 लोग रह रहे थे और अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर मौतें नींद में धुएं के कारण हुईं। स्थानीय प्रशासन ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि इमारत में 160 से अधिक लोग कैसे रह रहे थे। इमारत के मालिक और श्रमिकों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है।

गौरतलब है कि कुवैत में भारतीय दूतावास ने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन +965-65505246 शुरू की है। पीड़ितों के नामों की पहली सूची आज बाद में जारी होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिया संज्ञान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल रात अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में दुखद घटना की समीक्षा की और आग में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों - लगभग 50 - के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। वास्तव में, जीवित बचे लोग ही अधिकारियों को गंभीर रूप से जले हुए शवों की पहचान करने में मदद कर रहे हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बात की है। श्री जयशंकर ने एक्स पर कहा, "आश्वासन दिया गया है कि घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी।" उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द स्वदेश भेजने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि घायलों को अपेक्षित चिकित्सा सुविधा मिल रही है।"

इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि पीड़ितों में से कम से कम पांच राज्य के हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपनी संवेदना व्यक्त की है। तमिलनाडु के अनिवासी तमिलों के मंत्री केएस मस्तान ने कहा है कि शवों की पहचान करना एक चुनौती है और वे आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।

कुवैत की कुल आबादी में 21 प्रतिशत भारतीय हैं और इसके कार्यबल में 30 प्रतिशत भारतीय हैं। 

टॅग्स :अग्निकांडAir ForceआगS JaishankarExternal Affairs Ministry
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