नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट अधिवक्ता (वकील) प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना मामले में 14 अगस्त को दोषी ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को प्रशांत भूषण की सजा पर सुनवाई करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 24 अगस्त तक प्रशांत भूषण चाहें तो बिना शर्त माफीनामा दाखिल कर सकते हैं। इस मामले पर अब कुमार विश्वास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा है कि वह जानते हैं कि प्रशांत भूषण इस मामले पर माफी नहीं मांगेंगे।
कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा, ''कश्मीर सहित अनेक मुद्दों पर मेरे उनसे गंभीर मतभेद रहे हैं! मैंने कई बार उनके सामने ही उनके पक्ष के विपरीत मत रखा और उन्होंने असहमत होते हुए भी हरबार सुना! साथ काम करने से लेकर आज तक जितना मैं #PrashantBhushan को जानता हूं,वो माफी नहीं मांगेंगे! उन्हें पता है “नंद,मगध नहीं है”
जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
20 अगस्त को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने भूषण से कहा, ‘‘हम आपको समय दे सकते हैं और बेहतर होगा अगर आप (भूषण) इस पर पुन:विचार करें। इस पर सोचें। हम आपको दो-तीन दिन का वक्त देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही प्रशांत भूषण को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराने के फैसले के खिलाफ दायर की जाने वाली पुनर्विचार याचिका पर निर्णय होने तक, सजा के मसले पर सुनवाई स्थगित रखने का अनुरोध भी ठुकरा दिया है।
भूषण को लक्ष्मण रेखा का ध्यान दिलाते हुये सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि इसे क्यों लांघा गया। साथ ही न्यायालय ने टिप्पणी की कि अवमानना के मामले में सजा पर बहस की सुनवाई के लिये इसे किसी दूसरी पीठ को सौंपने की बात करके ‘अनुचित’ कृत्य किया गया है।
प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीटस के लिये माफी मांगने से इंकार कर दिया था। भूषण ने अपने बयान में कहा है, मैंने किसी आवेश में असावधान तरीके से ये ट्वीट नहीं किये। मेरे लिये उन ट्वीट के लिये क्षमा याचना करना धूर्तता और अपमानजनक होगा, जो मेरे वास्तविक विचारों को अभिव्यक्त करते थे और करते रहेंगे।’’