नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के निकट बने कथित अवैध निर्माण को ढहाने के रेलवे के अभियान पर दस दिन के लिए रोक लगा दी है। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने इस मामले में केन्द्र तथा अन्य को नोटिस जारी किया।
पीठ ने कहा, ‘‘ परिसर के संबंध में दस दिन के लिए यथास्थिति बनी रहने दी जाए। एक सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध करें।’’ याचिकाकर्ता याकूब शाह की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि सौ मकान गिरा दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘70-80 मकान बचे हैं। हर चीज निष्फल हो जाएगी। अभियान ऐसे दिन चलाया गया जब उत्तर प्रदेश में अदालतें बंद थीं।’’
यह मामला कृष्ण जन्मभूमि के निकट बने मकानों के ध्वस्तीकरण से संबद्ध है। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के निकट रेलवे के अतिक्रमण-रोधी अभियान से प्रभावित हुए लोगों को इस कदम को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की छूट दी।
मामले का संक्षिप्त उल्लेख करते हुए एक वकील ने कहा था, ‘‘यह विषय उत्तर प्रदेश में कृष्ण जन्मभूमि के निकट बस्तियों को ध्वस्त करने से संबद्ध है। वे वहां उन्नीसवीं सदी से हैं...ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने के लिए एक वाद लंबित है। दुर्भाग्य से, उच्च न्यायालय बंद है।’’ तब पीठ ने कहा, ‘‘हम आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का रुख करने की छूट देंगे। कृपया उच्च न्यायालय का रुख करें।’’