Kishore Kunal Last Rites: आचार्य किशोर कुणाल सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। हाजीपुर को कोनहारा घाट पर उनके पुत्र शायन कुणाल ने मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों के आंखों में आंसू छलक पडे। समधी अशोक चौधरी फफक कर रो पडे। इसके पहले ठीक सुबह नौ बजे कुर्जी स्थित उनके आवास से शव यात्रा शुरू हुई। शव यात्रा के दौरान उनसे जुड़े लोगों में भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। आचार्य के पार्थिव शरीर को कुर्जी से महावीर मंदिर ले जाया गया। महावीर मंदिर में आचार्य कुणाल किशोर का पार्थिव शरीर करीब 1 घंटे तक रखा गया।
इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने नम आखों से आचार्य किशोर कुणाल को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनके अंतिम यात्रा में उनकी पत्नी, बेटे, बहू और समधी सहित तमाम लोग मौजूद थे। किशोर कुणाल की अंतिम यात्रा गौशाला रोड, सदाकत आश्रम, कुर्जी से शुरू होकर राजीव नगर, अटल पथ, पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर, गांधी मैदान, मरीन ड्राइव, गायघाट, गांधी सेतु होते हुए कोनहारा घाट हाजीपुर पहुंची। जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। शव यात्रा के दौरान भी उनके व्यक्तित्व और सामाजिक योगदानों को लोग याद करते रहे।
शव यात्रा में महावीर मंदिर न्यास से संचालित होने वाले अस्पतालों के कई चिकित्सा और कर्मी के अलावा पटना विश्वविद्यालय के शिक्षक व छात्र भी शामिल हुए। 74 साल की उम्र में आचार्य किशोर कुणाल ने अंतिम सांस ली। किशोर कुणाल के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर देर रात तक हस्तियां का तांता लगा रहा। सोमवार की अल सुबह से ही उनके आवास पर लोग पहुंचने लगे थे।
हर किसी की जुबान पर उनकी सादगी और उनकी उपलब्धियों के चर्चे थे। परिवार के सदस्यों के अलावा कई लोग रात भर उनके आवास पर ही रुके थे। कुर्जी स्थित उनके आवास सायण निलयम में उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए शहर के कई गणमान्य लोगों के अलावा राजनीति, शिक्षा जगत व समाजसेवा से जुड़े लोगों का तांता लगा रहा। मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह भी देर रात किशोर कुणाल के आवास पर पहुंचे थे। किशोर कुणाल के अंतिम दर्शन के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी देर रात पहुंचे थे, जहां उन्होंने किशोर कुणाल को श्रद्धांजलि दी।