राकेश टिकैत के आंसुओं से किसान आंदोलन में यू-टर्न! गाजीपुर बॉर्डर पर जुटने लगे समर्थक, मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत
By विनीत कुमार | Updated: January 29, 2021 08:51 IST2021-01-29T08:22:52+5:302021-01-29T08:51:14+5:30
किसान आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद कमजोर नजर आने लगा था। हालांकि, इसमें एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। बड़ी संख्या में किसानों के गाजीपुर (यूपी गेट) बॉर्डर पहुंचने की खबर है।

राकेश टिकैट के आंसुओं से किसान आंदोलन में यू-टर्न (फोटो- सोशल मीडिया)
गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड रैली में हुई हिंसा के बाद कमजोर नजर आने लगे किसान आंदोलन में नया मोड़ा आता दिख रहा है। गुरुवार को राकेश टिकैत सहित कई अन्य किसान नेताओं पर प्रशासन का शिकंजा कसता नजर आ रहा था। वहीं कई किसानों के घर लौटने की भी खबरें आने लगी थी।
हालांकि, शाम को भावुक राकेश टिकैत की बातों के बाद एक बार फिर किसान आंदोलन में यू-टर्न आ गया है। प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रात तक हटने का अल्टीमेटम दिया था जबकि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया कि वे आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे भले ही प्रशासन कोई भी कदम उठा ले।
गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी तादाद में जुटने लगे किसान
रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार राकेश टिकैत के टीवी पत्रकारों से बात करते हुए भावुक हो जाने के दृश्यों के बाद किसान आंदोलन में ट्विस्ट आया है। राकेश टिकैत ने अपने भाषण में आत्महत्या की भी धमकी दी थी।
#WATCH| BKU leader Rakesh Tikait breaks down while speaking to media; said, "We will not go anywhere till action is taken against those who lathi-charged farmers."(28.01) pic.twitter.com/welii1I5QY
— ANI (@ANI) January 28, 2021
इसके बाद देर रात हरियाणा और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग हिस्सों से रात में ही किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर की तरफ कूच कर दिया। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में तैनात पुलिसबल में भी कमी की गई। पीएसी जवानों को भी गाजीपुर बॉर्डर से हटाया गया।
इससे पहले दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद पुलिस की ओर से गुरुवार देर शाम बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था और ऐसा लगने लगा था कि धरना स्थल प्रशासन खाली करा सकता है।
मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत
दूसरी ओर गाजीपुर के हालात को देखते हुए मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के समर्थन में महापंचायत बुलाई गई है। जिंद में भी देर रात किसानों ने सड़क जाम कर दिया। हरियाणा में कुछ और जगहों से इस मामले के बाद उग्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
हालात को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा। बता दें कि भावुक होते हुए टिकैत ने कहा था, 'यहां अत्याचार हो रहा है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ये कानून वापस होंगे। यदि ये कानून वापस नहीं हुए तो राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा।'
राजनीतिक दलों का समर्थन
इस बीच किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर कांग्रेस, आरएलडी समेत कई दूसरे दलों के नेताओं ने अपना समर्थन दिया है। गुरुवार शाम जयंत चौधरी का बयान आया।
उन्होंने राकेश टिकैत और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से बात की। रात में करीब पौने आठ बजे के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी। जयंत चौधरी ने कहा, 'चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है। यह संदेश चौधरी साहब ने दिया है।'
अभी चौधरी अजित सिंह जी ने BKU के अध्यक्ष और प्रवक्ता, नरेश टिकैत जी और राकेश टिकैत जी से बात की है।
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) January 28, 2021
“चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है” - ये संदेश दिया है चौधरी साहब ने!
राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, 'यह साइड चुनने का साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।'