खुर्शीद ने केरलवासियों से एलडीएफ और यूडीएफ में एक को चुनने की प्रवृत्ति नहीं तोड़ने का आग्रह किया
By भाषा | Updated: March 28, 2021 20:02 IST2021-03-28T20:02:33+5:302021-03-28T20:02:33+5:30

खुर्शीद ने केरलवासियों से एलडीएफ और यूडीएफ में एक को चुनने की प्रवृत्ति नहीं तोड़ने का आग्रह किया
तिरुवनंतपुरम, 28 मार्च कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने रविवार को केरल के लोगों से आग्रह किया कि वे हर पांच साल पर राज्य में एलडीएफ और यूडीएफ में से किसी एक को चुनने की प्रवृत्ति को नहीं तोड़ें। उन्होंने कहा कि दशकों पुरानी इस चुनावी प्रवृत्ति से राज्य को बेहतर फायदा मिला है।
उन्होंने राज्य में आगामी छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत समझदारी और विवेकपूर्ण तरीके से, राज्य के लोगों ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि इन दो मोर्चों के बीच से उन्हें सबसे अच्छा विकल्प मिले।
खुर्शीद ने केरलवासियों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि राज्य में राजनीति की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं को सदा कायम रखा जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सुंदरता और विचारधारा पर चलिए, जो सभी धर्मों को जोड़ती है ... हिंदुओं और मुसलमानों को एक साथ जोड़ती है ... जैसे कि फूलों का एक सुंदर गुलदस्ता हो। यही भारत है।’’
सोना तस्करी मामले और बाढ़ राहत धनराशि के कथित दुरुपयोग को लेकर राज्य की एलडीएफ सरकार की आलोचना करते हुए खुर्शीद ने कहा कि राज्य के कुछ हालिया घटनाक्रम केरल की संस्कृति और चरित्र का हिस्सा नहीं थे।
उन्होंने कहा कि 2018 में आई बाढ़ ने राज्य को भारी नुकसान पहुंचाया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘लेकिन राहत राशि जो बाढ़ पीड़ितों और जरूरतमंदों को जानी चाहिए थी, वह निजी हाथों में चली गई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
खुर्शीद ने आरोप लगाया कि केरल में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है, जो ‘‘अस्वीकार्य’’ है।
उन्होंने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों और ‘पुलिस बर्बरता’ की घटनाओं को लेकर भी राज्य की वाम मोर्चा सरकार की आलोचना की।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।