लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर राजस्थानकांग्रेस में चल रही भारी उठा-पटक पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार पर बेहद तीखा तंज कसा। योगी सरकार में डिप्टी सीएम के पद पर विराजमान केशव प्रसाद मौर्य ने व्यंग्य में कहा कि कांग्रेस पार्टी अब आला कमान के हाथों से निकल चुकी है।
लेकिन राजस्थान कांग्रेस की आंतरिक सियासत पर केशव प्रसाद मौर्य को टिप्पणी करना बेहद भारी पड़ा क्योंकि कई ट्विटर यूजर्स ने इस बात के लिए उनकी जमकर क्लास लगा दी और खूब खरी-खोटी सुनाई। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य ने ट्विट करते हुए कहा, "कांग्रेस आलाकमान (गांधी परिवार) की कमान से बाहर हो चुकी है कांग्रेस पार्टी।"
केशव प्रसाद मौर्य ने गांधी परिवार के खिलाफ जैसे ही यह टिप्पणी की। 'स्टूडेंट की आवाज' नाम के ट्विटर यूजर ने ने केशव प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "आपको तो शर्म आनी चाहिए या आप एक विधायक सीट नहीं जीत सकते तो उप मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं आपको अपनी सीट छोड़कर सिराथू की जनता का सेवा करना चाहिए जब जनता आपको विधायक बना दे तब जाकर आप कुर्सी पर बैठना नहीं तो अभी लोगों का सेवा करो वैसे भी बहन पल्लवी पटेल से नहीं जीत पाओगे।"
वहीं अश्विनी सोनी नाम के ट्विटर य़ूजर ने केशव प्रसाद मौर्य को हार के बाद भी योगी सरकार में डिप्टी सीएम बनाये पर तंज कसते हुए कहा, "पर आप आलाकमान के चरणों में नाक रगड़कर विधायकी हारकर उपमुख्यमंत्री बने है।"
राजस्थान के रहने वाले मनीष शर्मा नाम के ट्विटर यूजर ने केशव प्रसाद मौर्य को यूपी की सियासत पर ध्यान देने की सलाह देते हुए कहा, "आपकी पार्टी का ध्यान रखो केशव प्रसाद मौर्य जी आपके साथ उत्तर प्रदेश में जो हुआ करोड़ों लोगों ने न्यूज़ चैनल पर अच्छी तरह देखा है कैसे कुर्सी को इधर-उधर कर रहे थे बैठने की जगह भी नहीं मिली आपको और आप बात करते हो हमारे राजस्थान की।"
मालूम हो कि राजस्थान में कांग्रेस आतंरिक कलह से जूझ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष के संभावित दावेदारी के बाद सीएम पद छोड़ने की अटकलों के बीच करीब 90 से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर दिया है।
राजस्थान कांग्रेस के सभी बागी विधायक अशोक गहलोत खेमे के माने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि बागी विधायक सचिन पायलट को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं हैं। बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के लिए लामबंदी कर रहे हैं, जिसे कांग्रेस आलाकमान द्वारा अनुशासनहीनता कहा जा रहा है।