UPElections2022: दारा सिंह चौहान के इस्तीफे पर सामने आया केशव प्रसाद मौर्य का बयान, दी नसीहत
By मनाली रस्तोगी | Updated: January 12, 2022 16:28 IST2022-01-12T16:27:07+5:302022-01-12T16:28:45+5:30
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार के मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है। जानिए उन्होंने ट्वीट कर चौहान को क्या नसीहत दी।

UPElections2022: दारा सिंह चौहान के इस्तीफे पर सामने आया केशव प्रसाद मौर्य का बयान, दी नसीहत
लखनऊ: योगी सरकार में वन पर्यावरण और जन्तु उघान मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को एक और झटका लगा है। मालूम हो, मंगलवार को श्रम, रोजगार और समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। ऐसे में अब चौहान के इस्तीफे के बाद केशव प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है। डिप्टी सीएम ने इस सिलसिले में ट्वीट किया है और चौहान को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की नसीहत भी दी है।
परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 12, 2022
बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये।' बता दें कि दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा भेज दिया है। चौहान ने अपने इस्तीफे में बताया कि वो राज्य सरकार के पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रैवये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ हो रहे खिलवाड़ से आहत हैं। इसके कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।
Uttar Pradesh cabinet Minister and BJP leader Dara Singh Chauhan quits from his post pic.twitter.com/PWvCNUq4zm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 12, 2022
वहीं, हाल ही में अपने पद दे इस्तीफा दे चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी योगी सरकार पर कुछ आरोप लगाए थे और अपने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा था, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।'