श्रीलंका चर्च हमले के बाद देशभर में चल रहे बुर्का बैन को लेकर राजनीति चल रही है। इसी बीच गुरुवार को केरल के एक मुस्लिम कॉलेज ने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक केरल के मल्लापुरम में स्थित मुस्लिम एजुकेशन कॉलेज में सर्कुलर जारी कर कैंपस के अंदर लड़कियों के बुर्के और मुंह ठंकने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही वहां की छात्राओं को कॉलेज में बुर्का पहनकर आने से इनकार कर दिया गया है।
बता दें कि इसी हफ्ते शिवसेना ने बुर्के पर प्रतिबंध की मांग उठाई थी। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा था कि अगर रावण की लंका में बुर्का पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है तो राम की अयोध्या में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है?
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को बुर्का पर कथित रूप से प्रतिबंध लगाने की शिवसेना की मांग की आलोचना करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली पार्टी को यह पता होना चाहिए कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को ‘पसंद’ की स्वतंत्रता देता है।
‘ऑल इंडिय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन’ (एआईएमआईएम) अध्यक्ष ने दावा किया कि शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपा हुआ आलेख आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने चुनाव आयोग से तुरंत संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आलेख समाज को बांटने और ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहा है।
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार सबको अपनी पसंद की चीजें चुनने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘ शिवसेना के अनजान लोगों को मैं बताना चाहूंगा कि देश में ‘पसंद’ एक मूलभूत अधिकार है।’’ ‘सामना’ में छपे आलेख में शिवसेना ने कहा कि था कि अगर रावण की लंका में बुर्का पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है तो राम की अयोध्या में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है?