केरल सरकार राज्य के कर्मचारियों का वेतन काटने को लेकर एक अध्यादेश लाई है, जिसपर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। सैलरी काटने के आदेश पर हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद केरल सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है। हाई कोर्ट ने वेतन कटौती को कानून के तहत ना होने की बात कहते हुए इसपर रोक लगा दी थी।
राज्य के वित्त मंत्री टीएम थोमस इसाक ने बताया, "हमने एक अध्यादेश पेश किया है, जिसके तहत सरकार अपने कर्मचारियों का 25 प्रतिशत वेतन काट सकती है। राष्ट्रीय स्तर पर घोषित प्राकृतिक आपदा या स्वास्थ्य आपातकाल के समय इसे सरकार द्वारा 6 महीने के भीतर घोषित किया जाना है।"
उन्होंने आगे कहा, "केंद्र सरकार को अपने पुनर्वास और राहत के लिए अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों के लिए एक पैकेज देना चाहिए। केंद्र को उनकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि यह संघ सूची के तहत आता है।"
20 हजार से कम सैलरी वालों की नहीं होगी कटौती
बता दें कि केरल सरकार के इस आदेश में साफ किया गया था कि यह नियम उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होगा, जिनकी सैलरी 20 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक है। इससे कम वाली की सैलरी में कोई कटौती नहीं की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार के आदेश में यह भी कहा गया था कि मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न बोर्ड के सदस्यों, स्थानीय निकाय संस्था के सदस्य और अलग-अलग आयोगों के सदस्यों के वेतन में अगले एक साल तक 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।