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केरल सरकार ने मृतकों को दफनाने को लेकर अध्यादेश लाने का फैसला किया

By भाषा | Updated: January 2, 2020 05:30 IST

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केरल सरकार ने ‘‘जैकोबाइट पैरिशोनर’’ को उनके ‘पारिवारिक कब्रिस्तान’ में मृतकों को दफनाने की इजाजत देने के लिए बुधवार को अध्यादेश लाने का निर्णय लिया। यह कब्रिस्तान अभी मलंकरा चर्च के ऑर्थोडॉक्स गुट के नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री पी विजयन ने यहां पत्रकारों को बताया कि बातचीत के जरिए मुद्दे को हल करने के सारे प्रयास बंद होने के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है। इस बाबत फैसला बुधवार सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।

विजयन ने कहा, ‘‘ हमने मुद्दे को हल करने के लिए सभी प्रयास किए। हमने चर्चा आयोजित करने की कोशिश की लेकिन एक गुट ने बातचीत के लिए आने से इनकार कर दिया।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने भी इस मुद्दे के हल के लिए कुछ कोशिशें की हैं। विजयन ने कहा कि मृतक के परिवार को चर्च के बाहर अपनी पसंद के किसी पादरी से अंतिम रस्म कराने और फिर शव को दफनाने के लिए पूजास्थल लाने का अधिकार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यादेश के मुताबिक, हर व्यक्ति को अपने पारिवारिक कब्रिस्तान में दफन होने का अधिकार है। दो गुटों- जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स का चर्च की संपत्तियों पर कब्जे को लेकर लंबे अरसे से विवाद चल रहा है।

जैकोबाइट को उच्चतम न्यायालय के 2017 के फैसले के बाद एक हजार से ज्यादा चर्च को ऑर्थोडॉक्स को देना पड़ा था। ऑर्थोडॉक्स ने कहा कि जैकोबाइट गुट के अनुयायियों को मरने के बाद उसके नियंत्रण में आने वाले कब्रिस्तानों में दफनाने की इजाजत दी जा सकती है बशर्ते अंतिम क्रिया उनके पादरियों द्वारा की जाए।

जैकोबाइट गुट ने सरकार के अध्यादेश लाने के कदम को ‘साहसिक फैसला’ बताया जो उनमें विश्वास रखने वाले मृतकों को चर्चों में सम्मानजनक तरीके से दफनाया जाना सुनिश्चित करेगा।

ये चर्च अब ऑर्थोडॉक्स गुट के नियंत्रण में आते हैं। सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मलंकरा ऑर्थोडॉक्स के सचिव बीजू ओम्मेन ने कहा कि अगर अध्यादेश शीर्ष अदालत के आदेश की भावना के खिलाफ हुआ तो वे इसे कानूनी तौर पर चुनौती देंगे।

जैकोबाइट के वरिष्ठ पादरी और चर्च के प्रवक्ता के एम थियोफिलोस ने कोच्चि में कहा कि वे ‘साहसिक’ निर्णय के लिए सरकार के आभारी हैं, जो जैकोबाइट गुट के अनुयायियों को ‘सम्मानजनक’ तरीके से दफनाया जाना सुनिश्चित करेगा।

टॅग्स :केरललोकमत हिंदी समाचारपिनाराई विजयन
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