तिरूवनंतपुर, 17 अगस्तः केरल में भारी बारिश और बाढ़ कहर बरपा रही है, जिसके चलते एक ही दिन में 30 लोगों की मौत हो गई। अब सूबे में मौतों का कुल आंकड़ा 167 पहुंच गया है। बाढ़ के चलते गांवों का शहरों से संपर्क टूट गया। हालांकि निचली बस्तियों में फंसे लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है। प्रदेश के मुखिया विजयन ने बताया है कि अभी तक 167 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, पिछले दिनों देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदेश में बाढ़ की स्थिति जानने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया था।
इसके बाद बाढ़ से मची तबाही का जायजा लेने शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जा रहे हैं। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ अभी टेलीफोन पर बातचीत हुई। हमने राज्य भर में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और बचाव अभियान की समीक्षा की। राज्य में बाढ़ की वजह से बने दुर्भाग्यपूर्ण हालात का जायजा लेने के लिए आज शाम केरल जा रहा हूं।' गुरुवार को 30 लोगों की मौत
मिली जानकारी के अनुसार, केरल में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से गुरुवार को 30 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, कई घरों में पानी भर गया और सड़कों को नुकसान पहुंचा वहीं कई स्थानों पर हवाई और रेल यातायात बाधित हुआ। मानसूनी बरसात से पिछले दो दिनों में ही 55 लोगों की जान गई है। भारतीय नौसेना ने त्रिचुर, अलूवा और मवूत्तुपुझा में फंसे हुए लोगों को हवाई मार्ग से निकाला है।
13 जिलों में हाई अलर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर रक्षा मंत्रालय ने राज्य में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की तीन इकाइयों की नई टीमें भेजी हैं। राज्य में 1.5 लाख से ज्यादा बेघर और विस्थापित लोग राहत शिविरों में हैं। सूत्रों ने बताया कि राज्य के 14 जिलों में से एक को छोड़ कर सभी हाई अलर्ट पर हैं।
एनडीआरएफ बचाव अभियान में जुटी
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के करीब 540 कर्मियों की 12 सीटों को भी केरल भेजा गया है। वहीं, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने केरल में करीब एक सदी में आई सबसे भीषण बाढ़ की वजह से तेजी से बिगड़ती स्थिति की समीक्षा के लिए नयी दिल्ली में बैठक की। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में थल सेना, नौसेना और वायु सेना प्रमुखों के अलावा, गृह, रक्षा सचिवों समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों ने शिरकत की।
हवाई अड्डे की सेवाओं का निलंबन बढ़ाया
स्थिति की गंभीरता पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने मुल्लापेरियार बांध की आपदा प्रबंधन समिति को आदेश दिया है कि बांध में जलस्तर को तीन फुट घटा कर 139 फुट पर लाने का तत्काल फैसला करे। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने गुरुवार को सभी सेवाओं की निलंबन की अवधि 26 अगस्त दोपहर दो बजे तक के लिए बढ़ा दी है। हवाई अड्डे के अधिकतर हिस्से में पानी भर गया है।
मेट्रो की सेवाएं भी हुईं वाधित
कोच्चि मेट्रो की सेवाएं भी कुछ वक्त के लिए बाधित हुई क्योंकि मुत्तम यार्ड में जलस्तर बढ़ गया था। कुछ नगरों और गांवों में पानी का स्तर दो मंजिला मकानों की ऊंचाई तक पहुंच गया, जिसके बाद बच्चों और बुजुर्गों समेत सैकड़ों लोगों को छतों पर शरण लेनी पड़ी और सोशल मीडिया में बचाव और राहत के लिए अपील करनी पड़ी।
दहशत में न आएं लोगः सीएम
सीएम विजयन ने तिरूवनंतपुरम में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य ने इस तरह की स्थिति का कभी सामना नहीं किया। हम वो सभी कुछ कर रहे हैं जो मानवीय तौर पर संभव है और बचाव प्रयास जारी हैं। उन्होंने लोगों से दहशत में नहीं आने कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य की कैबिनेट ने अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए भारत निर्मित विदेशी शराब पर 30 नवंबर तक उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है।(भाषा इनपुट के साथ)