नई दिल्ली, 31 अगस्त: केरल में आई बाढ़ ने ना जाने कितनों के बेघर कर दिया है। पिछले 100 सालों की सबसे भीषण बाढ़ में अब तक मरने वालों की संख्या करीब 400 हो चुकी है। अभी वहां राहत कार्य जारी है लेकिन केरल सहित देश के पांच राज्यों में इस साल के मॉनसून के दौरान आई बाढ़ और बारिश से अतबतक 993 लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ तकरीबन 17 लाख लोग बेघर भी हो गए हैं।
ऐसे में केरल के सीएम पिनरई विजयन का कहना है कि हम दुनियाभर में मलयालियों से संपर्क करेंगे, मंत्री विदेश जाकर वहां रह रहे मलयालियों से फंड जमा करेंगे। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले पंबा टाउन के पुनर्निर्माण और सबरीमाला मंदिर के काम को पूरा करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी को नियुक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा है कि राहत कोष में 1,026 करोड़ रुपए आ चुके हैं, 4.76 लाख लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है। 1,026 करोड़ में 145.17 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के जरिए भेजा गया है। वहीं 46.04 करोड़ रुपए यूपीआई से भेजा गया है। सर्वाधिक 835.86 करोड़ रुपए राहत कोष में सीधे जमा किए गए हैं या चेक भेजा गया।इतना ही नहीं उन्होंने बताया है कि राज्य का नुकसान बहुत बढ़े रूप में हुआ है। कई लोग अभी भी लापता हैं।
वहीं, हाल ही में गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट जारी की गई थी। जिसके मुताबिक बारिश और बाढ़ की वजह से 22 अगस्त 2018 तक कुल 993 लोगों की मौत हुई हैं। जिनमें सिर्फ केरल से ही तकरीबन 400 लोगों को बाढ़ के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। गृह मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018 में बाढ़ के कारण करीब 70 लाख लोग प्रभावित हुए। 17 लाख लोग कैंप में रहने को मजबूर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक केरल के अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 22 अगस्त 2018 तक केरल में कुल 387 लोगों की मौत की रिपोर्ट्स सामने आई थी और अब वर्तमान स्थितियों में मौत का आंकड़ा 400 से अधिक होने की बात कही जा रही है।