तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ मु्ख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में कथित हेराफेरी के मामले को केरल लोकायुक्त की एक बड़ी पीठ को भेज दिया गया है।
खंडपीठ के शुक्रवार को फैसले के खंडित फैसले के बाद मामले को लोकायुक्त के तीन सदस्यीय पीठ को भेज दिया गया है। इस फैसले को लोकायुक्त सिरिएक जोसेफ और उप लोकायुक्त हारुन उल-रशीद ने सुनाया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री पर मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में हेराफेरी का आरोप लगा है, जिसके कारण वह जांच के दायरे में आए हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, मामले में मुख्यमंत्री के अलावा पहली एलडीएफ सरकार (2016-21 ) के 16 मंत्री और तत्कालीन मुख्य सचिव शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2018 में सामाजिक कार्यकर्ता आरएस शशिकुमार ने केरल लोकायुक्त में राज्य के सीएम और उनके 17 कैबिनेट मंत्रियों पर भाई-भतीजावाद और और मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) से वित्तीय सहायता देने में पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।
जानकारी के मुताबिक, मामले की पहले सुनवाई करने वाले जस्टिस सिरिएक जोसेफ और उप लोकायुक्त जस्टिस हारून-उल-रशीद के बीच केस को लेकर मतभेद था। दोनों जजों के फैसले में अंतर था, जिसके बाद मामले को तीन जजों की पीठ को सौंप दिया गया है।