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केजरीवाल ने नीति आयोग की मीटिंग का भी बहिष्कार करने का फैसला किया, पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानें क्या कहा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 26, 2023 18:17 IST

अरविंद केजरीवाल ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान के बाद नीति आयोग की मीटिंग का भी बहिष्कार का फैसला किया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है। केजरीवाल ने कहा है कि खुलेआम संविधान और जनतंत्र की अवहेलना हो रही है और सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है तो फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता।

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ठळक मुद्देनीति आयोग की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे केजरीवालकेजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी हैपीएम पर लगाया भाजपा सरकारों को गिराने का आरोप

नई दिल्ली: देश की नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होना है। कांग्रेस समेत विपक्ष के 21 दलों ने इस उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया है। जिन दलों ने बहिष्कार का एलान किया है उनमें आम आदमी पार्टी भी शामिल है। अब अरविंद केजरीवाल ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान के बाद नीति आयोग की मीटिंग का भी बहिष्कार का फैसला किया है।

अरविंद केजरीवाल ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है। पत्र में केजरीवाल ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है। केजरीवाल   ने कहा है,  "कल नीति आयोग की मीटिंग है। नीति आयोग का उद्देश्य है भारतवर्ष का विजन तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा, ये न ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और न ही सहकारी संघवाद।" 

केजरीवाल ने अध्यादेश के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने पत्र में कहा, "आठ साल की लड़ाई के बाद दिल्लीवालों ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जीती, दिल्ली के लोगों को न्याय मिला। मात्र आठ दिन में आपने अध्यादेश पारित कर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया। आप (पीएम मोदी) दिल्ली सरकार को पंगु क्यों बनाना चाहते हैं? क्या यही भारतदेश का विजन है?"

पीएम मोदी को पिता और बड़े भाई समान बताते हुए केजरावाल ने कहा कि आप यदि केवल भाजपा सरकारों का साथ देंगे और गैर बीजेपी सरकारों के काम को रोकेंगे तो इससे देश का विकास रुक जाएगा। उन्होंने आगे कहा,  "लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री जी सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो लोग न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे? जब इस तरह खुलेआम संविधान और जनतंत्र की अवहेलना हो रही है और सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है तो फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। इसलिए कल की मीटिंग में मेरा शामिल होना संभव नहीं है।"

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