Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उत्तराखंड में दो महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं- केदारनाथ रोपवे परियोजना और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान कहा कि सरकार ने उत्तराखंड के चमोली जिले में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। उन्होंने सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 4,081 करोड़ रुपये की 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को केंद्र की मंजूरी देने की भी घोषणा की।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: रोपवे परियोजना के साथ यह संख्या बढ़कर 36 लाख होने की उम्मीद
केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रोपवे परियोजना एक वरदान होगी, क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, सुविधाजनक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटाकर लगभग 36 मिनट कर देगी। पिछले साल 23 लाख तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ मंदिर का दौरा किया और रोपवे परियोजना के साथ यह संख्या बढ़कर 36 लाख होने की उम्मीद है।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: दोनों परियोजनाओं पर कुल 6,811 करोड़ रुपये की लागत आएगी
पिछले साल 1.77 लाख लोग हेमकुंड साहिबजी पहुंचे और रोपवे से वहां जाने वाले लोगों की संख्या 10 गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किलोमीटर) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी (12.4 किमी) रोपवे परियोजनाएं शामिल हैं। दोनों परियोजनाओं पर कुल 6,811 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: रोपवे विकास कार्यक्रम- पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा
इन रोपवे परियोजनाओं से दोनों तीर्थस्थलों की यात्रा के समय को कम करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समयसीमा चार से छह वर्ष निर्धारित की गई है। दोनों रोपवे का निर्माण राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम- पर्वतमाला परियोजना के तहत किया जाएगा।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबे रोपवे का निर्माण डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) प्रारूप पर किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी। रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: प्रति घंटे हर ओर 1,800 यात्री यात्रा कर सकेंगे
यह सबसे उन्नत ‘ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला’ (3एस) प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा, जिसके तहत प्रति घंटे हर ओर 1,800 यात्री यात्रा कर सकेंगे। रोपवे के जरिये प्रतिदिन 18,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे। वैष्णव ने बताया कि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी तक 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना को भी डीबीएफओटी प्रारूप पर विकसित किया जाएगा, जिसपर कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये आएगी।
वर्तमान में हेमकुंड साहिबजी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल या टट्टुओं या पालकियों द्वारा पूरा किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिबजी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा
यह (रोपवे) गोविंदघाट तथा हेमकुंड साहिब जी के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में इसे पैदल या टट्टुओं, पालकियों या हेलीकॉप्टर द्वारा पूरा किया जाता है। श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करना तथा सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।
Kedarnath-Hemkund Sahib Ropeway: गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे से फूलों की घाटी जाने वाले पर्यटकों को भी सुविधा
केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फुट) की ऊंचाई पर स्थित है। इसी प्रकार, गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ कर हेमकुंड साहिब तक पहुंचा जाता है जिसे श्रद्धालु पैदल या घोड़ा-खच्चर या पालकी से तय करते हैं। गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे से फूलों की घाटी जाने वाले पर्यटकों को भी सुविधा होगी।
इस रोपवे की क्षमता प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाने की होगी। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जो हर साल मई से सितंबर के बीच लगभग पांच माह खुला रहता है और इस दौरान यहां करीब दो लाख श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं।