नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिये उनके ताने को 'सबसे अभद्र' और 'बेहूदा' करार दिया।
यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किये जाने और भाजपा सरकार की ओर से एक महीने तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोग वाराणसी में तब रहते हैं, जब उनका अंत निकट होता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लोगों के लिए अपने जीवन के अंतिम दिन इस शहर में बिताना शुभ माना जाता है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सपा नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार ने अयोध्या में 'कारसेवकों' पर गोलियां चलाई थीं और ''ऐसी बेहूदा और अभद्र टिप्पणियां उनकी मानसिकता को दर्शाती हैं।''
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''अगर उन्हें हिंदू मान्यताओं के बारे में कोई सहानुभूति होती, तो वे काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन का स्वागत करते, लेकिन उन्हें केवल अपने वोट बैंक की चिंता है। राजनीतिक मतभेद एक बात है, लेकिन किसी के अंत की कामना करना निंदनीय है। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।''
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यादव ने उसी मानसिकता के साथ बात की, जिससे कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि औरंगजेब ने विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की थी और यादव अब उनके साथ खड़े हैं। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यादव की टिप्पणियों को ''शर्मनाक'' बताया और कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव हारने की संभावनाओं के चलते अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक ऐसे दिन जब एक बहुत बड़ा काम पूरा हुआ है, उस दिन मोदी की मृत्यु की कामना करना उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की टिप्पणियों से किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह औरंगजेब की मानसिकता और कार्यों में विश्वास करते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा था कि यह परियोजना उनके शासनकाल में मंत्रिमंडल द्वारा पारित की गई थी। सपा प्रमुख ने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इटावा आये और इस दौरान उन्होंने जिन विकास कार्यों का उद्घाटन किया वे सब सपा शासन में बने थे।
सपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित हार से घबराकर भाजपा ने नए कृषि कानून वापस लिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के लिये वोट महत्वपूर्ण हैं, किसान नहीं। अगर भाजपा को किसान की जरा सी परवाह होती तो कृषि कानूनों के विरोध में इतना लम्बा आन्दोलन नहीं चलता। इस दौरान 700 किसानों की जान चली गई। ’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मे चुनाव हारने का मतलब प्रधानमंत्री का जाना और भविष्य की राजनीति में बड़ा बदलाव आना है।