कलबुर्गी, 4 अगस्त।कर्नाटक के कलबुर्गी में रहने वाले एमपीएचएस सरकारी हाई स्कूल के क्लर्क बसवराव ने देश में एक अनोखी मिसाल पेश की है। दरअसल, कलबुर्गी के मक्तामपुर में रहने वाले बसवराव की बेटी धनेश्वरी गंभीर बीमरी से जूझ रही थी। बीते साल धनेश्वरी की मौत हो गई।
यूं तो बसवराव अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर बड़ा अफसर बनाना चाहते थे लेकिन छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपनी नन्हीं परी को खो दिया। अपनी बेटी की याद में बसवराव ने स्कूल की छात्राओं की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है।
उन्होंने न सिर्फ एक दो बल्कि पूरी 45 बच्चियों को स्कूल फीस भरने का फैसला लिया और ये काम अब भी बदस्तूर जारी है। बसवराव को उम्मीद है कि वे भविष्य में भी इस खर्चे को उठाने में सक्षम होंगे।
साल 2017-18 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत हुए सर्वेक्षण में पाया गया था कि अकादमिक वर्ष से पहले ही कर्नाटक में आर्थिक तंगी के चलते कई बच्चे स्कूल जाने में सक्षम नहीं है। लेकिन इस बीच बसवराज किसी फरिश्ते से कम नहीं है।
उन्होंने 45 बच्चियों को बेहतर शिक्षा मुहैया करवाकर न सिर्फ उनके भविष्य को संवारने में अद्वितीय मदद की है बल्कि जीवन को एक नई दिशा देने का भी काम किया है। बसवराज देश में एक उदार और एक ऐसे नागरिक बनकर उभरें जिनसे लोगों को प्रेरणा मिल सकती है।