Karnataka hijab controversy: तीन दिन तक सभी हाईस्कूल और कॉलेज बंद करने का आदेश, कर्नाटक में ‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन तेज, जानें मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 8, 2022 06:33 PM2022-02-08T18:33:11+5:302022-02-08T18:36:42+5:30
Karnataka hijab controversy: प्रधानाचार्य ने तीन फरवरी को अचानक हिजाब पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि सरकार ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है।
Karnataka hijab controversy:कर्नाटक में हिजाब विवाद तेज हो रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को ‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन तेज होने के मद्देनजर राज्य में अगले तीन दिनों तक स्कूल और कॉलेजों में अवकाश की घोषणा की।
बोम्मई ने सभी से शांति की भी अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, '' मैं सभी छात्रों, शिक्षकों और स्कूल-कॉलेजों के प्रबंधन के साथ ही कर्नाटक के सभी लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं। मैंने सभी उच्च विद्यालयों और कॉलेज को अगले तीन दिन तक बंद रखने के आदेश दिए हैं। सभी पक्षों से सहयोग का आग्रह है।''
‘हिजाब’ के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन तेज होने के कारण राज्य के उडुपी, शिवमोगा, बागलकोट और अन्य भागों में स्थित शैक्षणिक संस्थानों में तनाव बढ़ने के चलते पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। वहीं, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सुनवाई की।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को छात्रों और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की, क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में हिजाब विवाद बढ़ गया है। तटीय शहर उडुपी में एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स में पढ़ने वाली कुछ छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला किया।
न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने कहा कि इस अदालत को जनता की बुद्धिमत्ता और सद्गुण पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि इसे अमल में लाया जाएगा। लोगों को भारतीय संविधान में विश्वास रखने के लिए कहते हुए, न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा कि केवल कुछ शरारती लोग ही इस मुद्दे को जला रहे हैं।
जस्टिस दीक्षित ने यह भी बताया कि आंदोलन, नारेबाजी और छात्रों का एक-दूसरे पर हमला करना अच्छा नहीं था। मामले पर कल बुधवार को 2.30 बजे से फिर सुनवाई होगी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में हिजाब को लेकर खड़े हुए विवाद का विषय मंगलवार को सदन में उठाया और कहा कि सरकार को इस बारे में संसद में बयान देना चाहिए।
उन्होंने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। चौधरी ने कहा, ‘‘हम सदन के अंदर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की बात करते हैं। लेकिन देश में कुछ जगहों पर मजहब के आधार पर घिनौनी कार्रवाई हो रही है जो ठीक नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई हिंदू तिलक लगाते हैं, कई मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं....कर्नाटक और कुछ अन्य जगहों पर हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को रोका जा रहा है...विभिन्न धर्मों के बीच दरार पैदा हो रही है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में सरकार को सदन में बयान देना चाहिए। कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले भाजपा सांसद शिवकुमार उदासी ने कहा कि इस विषय से जुड़ा मामला अदालत के विचाराधीन है और कांग्रेस नेता को यह मुद्दा सदन में नहीं उठाना चाहिए।
शून्यकाल के दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे ने झारखंड की कोयला खदानों में कथित तौर पर गैरकानूनी उत्खनन का विषय उठाया और आरोप लगाया कि इसमें प्रदेश की सरकार तथा स्थानीय प्रशासन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
(इनपुट एजेंसी)