Karnataka Elections Result: दक्षिण में भाजपा के एकमात्र किले को कांग्रेस ने ध्वस्त कर दिया है। 10 मई को हुए चुनाव के लिए शनिवार मतगणना में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया। इसके साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस ने 10 साल बाद अपने दम पर सत्ता में वापसी करते हुए भाजपा को उसके कब्जे वाली एकमात्र दक्षिणी राज्य से बाहर कर दिया।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी परिणामों के मुताबिक 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत हासिल की है। 1989 के विधानसभा चुनाव के बाद यह कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत है। भाजपा ने 65 सीटों पर जीत दर्ज की है। जनता दल (सेक्युलर) के खाते में 19 सीटें आईं। जबकि एक-एक सीट पर कल्याणा राज्य प्रगति पक्ष तथा सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के, जबकि दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
पिछले साल दिसंबर में हिमाचल प्रदेश के बाद भाजपा की यह दूसरी हार है
पिछले साल दिसंबर में हिमाचल प्रदेश के बाद भाजपा की यह दूसरी हार है। राज्य में 10 मई को मतदान हुआ था। अधिकांश एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी। नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित सभी के काफी प्रयासों के बावजूद भाजपा इस चुनाव में अपनी छाप नहीं छोड़ सकी।
कर्नाटक में 1989 के बाद कांग्रेस की बड़ी जीत
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 1989 के विधानसभा चुनाव में 178 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जिसके बाद लिंगायत नेता वीरेंद्र पाटिल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि अगले चुनाव में कांग्रेस 34 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने 132 सीटें और 2013 के चुनाव में 122 सीटें जीती थी।
नफरत का बाजार’ बंद हो गया है तथा ‘मोहब्बत की दुकानें’ खुली हैंः राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को ‘जनता जनार्दन’ की जीत करार देते हुए कहा कि लोगों ने भाजपा के खराब प्रशासन और कांग्रेस की पांच गारंटी के पक्ष में वोट किया। वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर प्रदेश की जनता और अपने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के इस राज्य में ‘नफरत का बाजार’ बंद हो गया है तथा ‘मोहब्बत की दुकानें’ खुली हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि कर्नाटक की गरीब जनता की ‘शक्ति’ ने साठगांठ वाले पूंजीवादियों की ‘ताकत’ को हरा दिया है।