नई दिल्ली, 16 मई: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 104 कांग्रेस 78 और जेडीएस 37, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) एक, केपी जनता पार्टी एक को सीट मिली है। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। सरकार बनाने के लिए जेडीएस का साथ दे रही है कांग्रेस। लेकिन बहुमत के बाद भी राज्यपाल ने अभी तक कांग्रेस+जेडीएस को सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया है। बीजेपी भी सरकार बनाने के लिए बहमत जुटाने की जी तोड़ कोशिश कर रही है।
बीजेपी पार्टी नेता केएस ईवरप्पा ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायक उनकी संपर्क में है। बीएस येदियुरप्पा को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुन लिए गये हैं और उन्होंने कहा है कि उन्हें राज्यपाल के फैसले का इंतजार है। वहीं खबरों के मुताबिक जनता दल (सेकुलर) के तीन विधायक "लापता" हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने भी दावा किया है कि जेडीएस विधायक राजा वेंकटप्पा नायक और वेकंट राव नादगौड़ा भी "लापता" हैं।
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ऐसे में बीजेपी अब भी कर्नाटक में सरकार बना सकती है। तो आइए जाने इन बिंदुओं के आधार पर कि किन परिस्थितियों में बीजेपी सरकार बना सकती है।
1- अगर कांग्रेस+JDS बहुमत के लिए 112 सदस्यों का समर्थन पत्र नहीं दे सके तो। इसका सीधा फायदा तो बीजेपी को मिलेगा, क्योंकि कांग्रेस+JDS के जितने विधायक बैकफुट पर जाएंगे, उतनी सीटें कम होंगी, जिससे बीजेपी को पूर्ण बहुमत साबित करने में आसानी होगी।
2- जिस तरीके से राज्यपाल फैसला देने में देरी कर रहे हैं, उससे तो यही लग रहा है कि वह सरकार बनाने के लिए बीजेपी को और भी थोड़ा समय देंगे। जिससे बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सकती है। हालांकि बीजेपी ने इस बात से साफ इंकार किया है। उन्होंने कहा है कि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त में विश्वास नहीं करते।
3- अगर विधानसभा में विश्वासमत के दौरान कांग्रेस+JDS के 15 विधायक ना आए तो इससे भी बीजेपी को फायदा मिलेगा।
4- 15 विधायकों के ना आने से सदन में प्रभावी संख्या 222 से घटकर 207 रह जाएगी, ऐसे में बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत पड़ेंगी।
5- इस स्थिति में बीजेपी को बहुत ही आसानी से बहुमत साबित कर सकती है, क्योंकि उनके पास 104 सीट है।
6- सरकार बनाने के लिए बीजेपी लिंगायत सम्मान का भी मुद्दा बना सकती है। लिंगायत समुदाय के बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री से बनने रोकने के लिए ही कांग्रेस+JDS एक साथ आए हैं।
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7- कांग्रेस के टिकट पर 21 और JDS के टिकट पर 10 लिंगायत विधायक जीतकर आए हैं, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
8- JDS के साथ हाथ मिलाने से खफा चल रहे हैं सिद्धारमैया और डी शिवकुमार पर नजर बनी हुई है।
9- JDS नेता एचडी कुमारस्वामी दो विधानसभा सीटों से जीते हैं। उनसे एक सदन में वोटिंग से पहले खाली करने को कहा जाएगा।
10- वहीं बीएस येदियुरप्पा और बी श्रीरामुलु लोकसभा सदस्य भी हैं, और विधानसभा चुनाव भी जीते हैं। ऐसे में दोनों नेताओं को विश्वासमत के बाद एक सीट से इस्तीफा देना होगा। जिसका फायदा भी बीजेपी को मिल सकता है।
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