कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर्नाटक के लोगों से अपील की है कि वो विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 10 मई को होने वाली वोटिंग में भारतीय जनता पार्टी को वोट न दें। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि कर्नाटक में भाजपा के बरक्स कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दावेदार है। इस कारण बनर्जी का यह बयान कांग्रेस के लिए परोक्ष समर्थन के तौर पर भी देखा जा रहा है।
ममता बनर्जी ने मालदा के इंग्लिश बाजार में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में कहा, "कर्नाटक के लोग जितना जल्दी हो भाजपा का साथ छोड़ दें, ये उनके लिए उतना ही अच्छा है। वोटों के बंटवारे और ध्रुवीकरण से भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती है। कर्नाटक में उसका पतन निश्चित है और मुझे इस बात की बेहद खुशी है। कर्नाटक में हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। मुझे लगता है कि कौन किसे वोट देता है, ये उसका मामला है लेकिन मेरी अपील है कि जनता भाजपा को वोट न दें और यह मैं निश्चित रूप से कहना चाहूंगी।"
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में तृणमूल की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी दलो में भाजपा सबसे खतरनाक राजनीतिक दल है। उन्होंने कहा, "भाजपा जिस भी प्रदेश में जाती है, वो वहां पर खतरनाक तरीके से धार्मिक मुद्दों को सियासत में लाती है और उसके बल पर अपना वोटबैंत तैयार करती है। वो अन्य धर्म का खौफ पैदा करके धर्म विशष के वोटों को केंद्रीत करती है और उसे अपने लाभ के इस्तेमाल करती है।"
उन्होंने कहा, "वो इस बात को याद रखें कि मैं जब तक जीवित हूं, तब तक मैं बॉबी और अभिषेक जैसे तृणमूल नेताओं को अगली पीढ़ी के लिए तैयार करती रहूंगी। मैं चाहती हूं कि मेरे मौत के बाद वो भाजपा के खिलाफ लोहा लेते रहें।"
ममता बनर्जी ने अपने बयान में जिस बॉबी का जिक्र किया, उनका नाम फिरहाद हकीम है और तृणमूल नेता है, जबकि अभिषेक बनर्जी तो ममता बनर्जी के भतीजे हैं और तृणमूल के सांसद भी हैं। सीएम बनर्जी ने हाल ही में उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा मिले एक चिट्ठी का जिक्र किया, जिसमें नागरिकता के अधिकार संबंधी विषय के मामले में राज्य से कुछ जानकारी मांगी गई थी। ममता बनर्जी ने कहा, "मैंने गृह मंत्रालय से कह दिया कि मैं आपको बंगाल में एक भी काम नहीं करने दूंगी। क्या आधार कार्ड नहीं होने से कोई विदेशी हो जाता है। गृह मंत्रालय के आधिकारिक दस्तावेजों में अगर कोई भी विसंगति होती है तो नागरिक उससे विदेशी नहीं हो जाता है।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री बनर्जी ने बंगाल की सीमाओं पर बीएसएफ के 50 किलोमीटर तक के विस्तारित अधिकार क्षेत्र के बारे में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस कदम के माध्यम से केवल भाजपा की मनमानी बढ़ेगी और कई अल्पसंख्यक लोगों को इलाकों से दूर करने की कोशिश करेगी। वैसे लोग भाजपा के खिलाफ खुद को संगठित करें और अपने अधिकार की लड़ाई लड़े।
अपने भाषण के अंत में ममता बनर्जी ने सभा में मौजूद तृणमूल नेताओं से कहा कि मौजूदा हालात में ईडी, सीबीआई के नाम पर चाहे जितनी भी धमकी दी जाए, 2024 में नई सरकार आते ही सब कुछ वापस ले लिया जाएगा।