बेंगलुरु: जगदीश शेट्टर के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने से कर्नाटक के सियासी समीकरण में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। बीते सोमवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले जगदीश शेट्टर ने टिकट न देने के लिए उस पार्टी पर बेहद तीखा हमला किया, जिसमें रहते हुए वो राज्य के मुख्यमंत्री बने। शेट्टर की राजनैतिक बदलने पर उनकी पूर्व पार्टी भाजपा ने अवसरवाद का नाम दिया और कहा कि जगदीश शेट्टर के पाला बदलने से पार्टी को विधानसभा चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
जगदीश शेट्टर ने कांग्रेस का दामन थामते हुए भाजपा पर आरोप लगाया था कि उनके साथ पार्टी ने बहुत दुर्व्यवहार किया है। शेट्टर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि जगदीश शेट्टर के लगाए आरोप सच्चाई से कोसों दूर हैं। उन्होंने पार्टी के साथ छल किया है। इसके साथ ही सीएम बोम्मई ने दावा किया कि शेट्टर के भाजपा छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और पार्टी का वोट बैंक पूरी तरह से पार्टी के पक्ष में है।
उन्होंने शेट्टर पर तंज कसते हुए कहा, "अब पार्टी छोड़नी थी तो कोई न कोई तो बहाना बनाना पड़ेगा। ये वही जगदीश शेट्टर हैं, जिन्हें पिछले 25 वर्षों के राजनीतिक जीवन में जो भी मिला, वो भाजपा की वजह से मिला। ऐसे में उनकी उपेक्षा का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। वो जो कह रहे हैं, केवल एक बहाना है।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि वह जहां भी प्रचार के लिए जाते हैं, वहां उनके पार्टी छोड़ने पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हो रही है। इससे पता चलता है कि भाजपा का जनाधार अब भी पूरी तरह से बरकरार है। बोम्मई ने शेट्टर के कांग्रेस में शामिल होने की आलोचना की।
सीएम बोम्मई ने कहा, “शेट्टर उस पार्टी में गए थे जिसने देवराज उर्स, वीरेंद्र पाटिल और एस बंगारप्पा जैसे नेताओं को बाहर कर दिया था। कांग्रेस पार्टी की संस्कृति पहले सम्मान करने और बाद में उनका अपमान करने की रही है। वे शेट्टर का इस्तेमाल करेंगे और उसे बाहर फेंक देंगे।"
इसके साथ ही बोम्मई ने कहा कि जब तक बीएस येदियुरप्पा हमारे साथ हैं तब तक लिंगायत पूरी तरह से भाजपा के साथ रहेंगे। इस बीच जगदीश शेट्टर के मामले में भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने भी कांग्रेस में जाने की आलोचना करते हुए खुला पत्र लिखा है। ईश्वरप्पा ने शेट्टर से पूछा कि क्या वो सत्ता में बने रहने के लिए गोहत्या विरोधी कानून और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे मुद्दों पर समर्थक कांग्रेस के साथ खड़े होंगे।
ईश्वरप्पा ने अपने पत्र में लिखा, “डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने कहा कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो वे पीएफआई पर से प्रतिबंध हटा लेंगे। तो क्या आप आतंकवाद का समर्थन करते हैं? क्या स्वर्ग में आपके पिता की आत्मा को कांग्रेस के जुड़ने से शांति मिलेगी? आपने भाजपा के लिए बहुत कुछ किया है। अगर आपका पोता आपसे पूछे कि आप कांग्रेस में क्यों शामिल हुए तो आप क्या कहेंगे?"