बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई लिंगायत समुदाय को लेकर फंसती जा रही है। सूबे में 17 फीसदी जनाधार वाले लिंगायत समुदाय को लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने हैं। एक तरफ कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने जगदीश शेट्टर और लक्ष्मण सावदी का टिकट काटकर लिगायत समुदाय का अपमान किया है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने 'लिंगायत सीएम' का नारा देकर कांग्रेस पशोपेश में डाल दिया है।
वहीं अब उससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए भाजपा ने कांग्रेस को सीधी चुनौती दे दी है कि वो उसकी पार्टी छोड़कर गये लिंगायत नेता और हुबली-धारवाड़ सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी जगदीश शेट्टर को अपना मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करके दिखाये। भाजपा की ओर कांग्रेस को यह चुनौती बोम्मई सरकार के मंत्री वी सोम्मना ने दी है, जो वरुणा विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैदान में हैं। वैसे वी सोमन्ना चामराजनगर सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा नेता वी सोमन्ना ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी है कि अगर वो लिंगायत समुदाय की बड़ी हितैषी होने का दावा कर रही है तो वीरशैव-लिंगायत जगदीश शेट्टार को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित करे। भाजपा प्रत्याशी सोमन्ना ने चामराजनगर के शिवपुरा गांव में चुनावी अभियान के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "अगर कांग्रेस को 28 साल के बाद लिंगायत समुदाय की इतनी ही याद आ रही है तो वह भाजपा से गये जगदीश शेट्टर को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दे। आखिर वो भी वीरशैव-लिंगायत के बड़े नेता हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर कांग्रेस लगभग दो दशकों के बाद लिंगायत समुदाय को इस तरह से ब्लैकमेल करने की कोशिश करेगी तो उसे चुनावी हार के तौर निराशा ही झेलनी होगी।"
इसके साथ ही सोमन्ना ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केवल लिंगायतों का इस्तेमाल किया और फिर उनकी मदद से सत्ता पाने के बाद हाशिये पर फेंक दिया। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस बताए न कर्नाटक की जनता को किसने वीरेंद्र पाटिल और राजशेखर मूर्तियों को हटाया?"
पत्रकारों से बात करते हुए सोमन्ना ने जगदीश शेट्टर पर बरसते हुए कहा, "भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और वो उस पार्टी का ऐहसान भूल गये। हम लोगों ने शेट्टर से कहा था कि उन्हें राज्यसभा में बेजा जाएगा और केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी उनके परिवार के किसी सदस्य को हुबली से ही उम्मीदवार भी बना देगी लेकिन वो अपने टिकट के लिए अड़े रहे, किसी की नहीं सुनी। लेकिन मैं आज ही बता दूं कि यह तय है कि शेट्टर छह महीने में कांग्रेस छोड़ देंगे क्योंकि वहां पर एक तरफ सिद्धारमैया और दूसरी तरफ डीके शिवकुमार हैं।"