Karnataka Assembly Elections 2023: भाजपा ने सिद्धारमैया के 'लिंगायत सीएम' पर दिये बयान को बनाया कांग्रेस पर हमले का हथियार, कहा- "लिंगायत का अपमान बर्दाश्त नहीं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 24, 2023 12:12 PM2023-04-24T12:12:21+5:302023-04-24T12:16:08+5:30
कर्नाटक के कई विधानसभा चुनावों में लिंगायत वोट न मिलने के कारण पराजय का सामना करने वाले कांग्रेस के सामने सिद्धारमैया का बयान भारी दुविधा का कारण बन गया है क्योंकि सत्ताधारी पार्टी भाजपा सिद्धारमैया के 'लिंगायत सीएम' वाले बयान को पूरे समुदाय का अपमान बता रही है।
बेंगलुरु: लिंगयात मुख्यमंत्रियों को भ्रष्ट बताना कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। 90 के दशक के बाद से लिंगायत समुदाय का जनाधार खोने वाली कांग्रेस के लिए सिद्धारमैया का बयान आत्मघाती हो सकता है क्योंकि लिंगायत समुदाय के बीच अच्छीखासी पैठ रखने वाली सत्ताधारी भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है।
कई विधानसभा चुनावों में लिंगायत वोट न मिलने के कारण पराजय का सामना करने वाले कांग्रेस के सामने सिद्धारमैया का बयान भारी दुविधा का कारण बन गया है क्योंकि सत्ताधारी पार्टी भाजपा बेहद करीने से सिद्धारमैया के 'लिंगायत सीएम' वाले बयान को पूरे समुदाय के अपमान के तौर पर प्रचारित कर रही है।
दरअसल सिद्धारमैया ने बीते दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र वरुणा में पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह किसी लिंगायत समुदाय के नेता को मुख्यमंत्री बनाएगी। इसके जवाब में सिद्धारमैया ने कहा था, "पहले से ही मुख्यमंत्री बोम्मई के तौर पर लिंगायत समुदाय के नेता सीएम की गद्दी पर बैठे हैं, जिन्होंने पूरे कर्नाटक को भ्रष्टाचार में डूबो दिया और वो खुद भी सिर से पैर तक लूट-खसोट में रंगे हैं।"
अब इस मुद्दे पर भाजपा बेहद आक्रामक है और उसने कुरुबा समुदाय से आने वाले सिद्धारमैया को घेरते हुए आरोप लगाया है कि वह आज नहीं बल्कि अतीत में लिंगायत समुदाय को अपमानित करते रहे हैं। राजीव गांधी के समय से कांग्रेस की संस्कृति रही है कि वो वीरशैव लिंगायतों का अपमान करे और उन्हें नफरत की निगाह से देखे।
भाजपा ने सिद्धारमैया के विवादित बयान में दिवंगत राजीव गांधी को भी उस समय लपेटा है, जब बसवा जयंती के दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी लिंगायत समुदाय का विश्वास जीतने के लिए कुदालसंगम में दर्शन करने के लिए गये थे। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने लिंगायत सीएम पर मचे बवाल के बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए सिद्धारमैया को कोई भी बयान देने के लिए मना कर दिया है।
इस बीच कांग्रेस पेंच में इस कारण से फंस गई है क्योंकि पंचमसाली लिंगायत समुदाय के संत श्री जया मृत्युंजय स्वामीजी ने बेहद नाराजगी जताते हुए सिद्धारमैया से बयान से माफी मागने की अपील की है और साथ में यह भी कहा है कि वो 'लिंगायत सीएम' वाला बयान फौरन वापस लें।
संत श्री जया मृत्युंजय स्वामीजी ने कहा कि जब सिद्धारमैया 'लिंगायत सीएम' को बेहद अभद्र बयान दे रहे हैं तो उन्हे याद रखना चाहिए कि कांग्रेस में भी लिंगायत समुदाय के एस निजलिंगप्पा, वीरेंद्र पाटिल और जेएच पटेल जैसे दिग्गज नेता रहे हैं। ऐसे में वो कैसे लिंगायत समुदाय को भ्रष्ट बता सकते हैं।
वैसे सिद्दारमैया ने विवादित बयान के बाद फौरन सफाई भी पेश की थी और कहा था कि भाजपा में शामिल लिंगायत नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रभाव में विध्वंसक राजनीतिक कर रहे हैं। इसके साथ ही सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने वह संघ की सेना थी जिसने लिंगायत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को जेल भेजा और समुदाय के नेताओं जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, सोगडू शिवन्ना, संजय पाटिल और अन्य को भाजपा का टिकट न देकर उनका राजनीतिक करियर समाप्त करने का प्रयास किया।
वहीं सिद्धारमैया के आरोपों पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "कांग्रेस नेता द्वारा की गई 'भ्रष्ट लिंगायत सीएम' की टिप्पणी से मैं बेहद आहत हूं। भला सिद्धारमैया जैसा वरिष्ठ नेता इस तरह का बयान कैसे दे सकता है, उनके बयान ने पूरे लिंगायत समुदाय को झकझोर दिया है।"