वायुसेना ने सोमवार (24 जून) कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया। इस दौरान ग्वालियर एयरबेस पर कई गतिविधियों की योजना आयोजित हुई। जिसमें टाइगर हिल पर हमले का प्रतिकात्मक ‘चित्रण’ और ‘आपरेशन विजय’ में इस्तेमाल मिराज 2000 और अन्य विमानों का प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान सेना ने पूरे करगिल युद्ध के एक-एक सीन को रिक्रिएट किया गया। बता दें कि करगिल युद्ध के 20 साल सेलिब्रेशन के दौरान वायुसेना के विमान आसमान में कलाबाजियां दिखाए और टाइगर हिल पर झंडे भी लहराएं।
भारतीय वायुसेना ने युद्ध के 20 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में हवाई अड्डे पर कई गतिविधियों की योजना बनाई है और टाइगर हिल हमले का प्रतीकात्मक ‘रूपांतरण’ उनमें से एक है। हवाई अड्डे पर स्थित प्रदर्शनी में पांच मिराज 2000, दो मिग 21 और एक सुखोई 30 एमकेआई तैनात किया गया है।
2000 मिराज में से एक ने स्पाइस बम वाहक को दिखाया गया। बम का इस्तेमाल फरवरी में बालाकोट हवाई हमले में किया गया था। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘करगिल युद्ध उच्च पर्वतीय परिस्थितियों में वायु शक्ति के उपयोग का एक अनुकरणीय अनुभव है...।’’
‘ऑपरेशन विजय’ का हिस्सा रहे वीरता पुरस्कार पाने वाले कई सेवारत और सेवानिवृत्त वायुसेना कर्मी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने द्रास-करगिल क्षेत्र में रणनीतिक पहाड़ी से दुश्मन को सफलतापूर्वक भगाने के लिए असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया था।
(पीटीआई भाषा से इनपुट)