कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- जब सैनिक शहीद हो रहे हों तो सनातनी जश्न नहीं मनाते

By मनाली रस्तोगी | Published: September 15, 2023 11:41 AM2023-09-15T11:41:46+5:302023-09-15T11:43:38+5:30

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सैनिक शहीद होते हैं तो सनातनी जश्न नहीं मनाते।

Kapil Sibal takes a dig at PM Modi says Sanatani does not celebrate when soldiers are being martyred | कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- जब सैनिक शहीद हो रहे हों तो सनातनी जश्न नहीं मनाते

कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- जब सैनिक शहीद हो रहे हों तो सनातनी जश्न नहीं मनाते

Highlightsविवाद की शुरुआत 3 सितंबर को हुई जब उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म और डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के बीच तुलना की।उन्होंने चेन्नई में तमिलनाडु प्रगतिशील लेखकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए इन प्रथाओं को खत्म करने का आह्वान किया।

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सैनिक शहीद होते हैं तो सनातनी जश्न नहीं मनाते। यह तब आया है जब पीएम मोदी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के बीना में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि विपक्ष सनातन धर्म को नष्ट करने और देश की सदियों पुरानी परंपरा पर हमला करने की योजना बना रहा है।

इसी क्रम में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा, "सनातन धर्म का अर्थ है शाश्वत धर्म। सनातनी के गुणों में शामिल हैं: ईमानदारी, जीवित प्राणियों को चोट न पहुंचाना, पवित्रता, दान, उदारता, धैर्य, तपस्या, सद्भावना, वे गुण जिनकी हिंदुत्व और उसके भक्तों में कमी है। जब सैनिक शहीद हो रहे हों तो कोई सनातनी जश्न नहीं मनाता!"

विवाद की शुरुआत 3 सितंबर को हुई जब उदयनिधि स्टालिन, जो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं, ने सनातन धर्म और डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के बीच तुलना की। उन्होंने चेन्नई में तमिलनाडु प्रगतिशील लेखकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए इन प्रथाओं को खत्म करने का आह्वान किया। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके बयानों की व्याख्या हिंदुओं के नरसंहार की वकालत के रूप में की, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने इन आरोपों को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि उदयनिधि वास्तव में सदियों पुरानी रूढ़िवादी मान्यताओं में गहरी जड़ें जमा चुकी जाति प्रथाओं के खिलाफ बोल रहे थे।

इसके बाद उदयनिधि और उनका बचाव करने वाले कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे के खिलाफ रामपुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गईं। इसके अलावा, कुछ गुटों ने विवाद के जवाब में शारीरिक हिंसा की धमकियां भी जारी कीं। इससे पहले बुधवार को कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा था कि राज्यपाल आरएन रवि उनके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

सिब्बल ने एएनआई से कहा, "सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें पता है कि राज्यपाल आरएन रवि वहां क्या कर रहे हैं? मै जनता हूं कि तुम्हें पता है। क्योंकि तमिलनाडु में पहले कभी भी धर्म को लेकर विवाद नहीं हुआ है।"

उन्होंने आगे कहा, " वहां पिछड़ा समाज राज कर रहा है, सरकार चला रहा है। आरएन रवि को भेजने का मकसद धर्म के आधार पर विवाद पैदा करना है। आप दोषी हैं कि आप इस प्रकार के मुद्दे उठाते हैं। राज्यपाल उनके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।"

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