दिल्ली: यूपी के प्रयागराज में पैगंबर विवाद पर आयोजित विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद यूपी पुलिस द्वारा घोषित मुख्य आरोपी जावेद पंप के कथित "अवैध आवास" को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा गिराये जाने के बाद विपक्षी दल योगी सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सदस्य बने देश के प्रतिष्ठित वकील और पूर्व कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने प्रयागराज के अधिकारियों द्वारा ध्वस्त किए जावेद पंप के आवास के मामले में विरोध दर्ज कराते हुए सोमवार को कहा कि देश में बुलडोजर संस्कृति पनप रही है और कानून सो रहा है।
कपिल सिब्बल ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा, "प्रयागराज: बुलडोजिंग की संस्कृति पनप रही है जबकि कानून सो रहा है, देश बदल रहा है"
मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद पूरे देश में अस्थिरता का माहौल कायम हो गया है। उनकी टिप्पणी के विरोध में दिल्ली, झारखंड और यूपी समेत देश के तमाम राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
जहां तक यूपी का सवाल है, तो पैगंबर विवाद में हिंसक प्रदर्शन की शुरूआत कानपुर से शुरू हुई, जो धीरे-धीरे प्रयागराज से होते हुए सहारनपुर समेत तमाम जिलों में फैल गई। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को सख्त आदेश दिया कि वो हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
इसके बाद यूपी पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाते हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने के आरोप में यूपी के विभिन्न जिलों में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया। वहीं प्रयागराज में पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए मुख्य रूप से जावेद पंप को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया और प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने उनके आवास को अवैध बताते हुए उसे बुलडोजर से गिरा दिया।
यूपी में अपराधियों के खिलाफ चले इस बुलडोजर अभियान की शुरूआत कानपुर के बिकरू कांड से हुई थी, जहां पुलिसवालों की हत्या के कुख्यात आरोपी विकास दुबे के मकान को योगी सरकार ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था और बाद में पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत भी हो गई थी।
उसके बाद रामनवमी और हनुमान जंयती के मौते पर मध्य प्रदेश के खरगौन में भी शिवराज सरकार ने बुलडोजर के जरिये हिंसा के आरोपियों के घर को गिरा दिया था।
इसके अलावा दिल्ली में भी रामनवमी हिंसा के बाद जहांगीरपुरी इलाके में दिल्ली नगर निगम ने बुलडोजर कार्रवाई की थी और हिंसा करने वालों के घर को बुलडोजर से गिरा दिया था।