नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने गुरुवार को संसद के लिए प्रक्रिया के नियमों में बदलाव का सुझाव दिया, जिसमें दोनों सदनों में मुद्रास्फीति पर चर्चा करने और दैनिक उपयोग की कुछ वस्तुओं पर जीएसटी लगाने की विपक्ष की मांग को लेकर जारी गतिरोध के बीच बदलाव किया गया। एक सुझाव में कहा गया है कि सप्ताह का एक दिन किसी भी मामले के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए, जिसपर विपक्ष संसद में चर्चा करना चाहता है।
सिब्बल ने कहा कि सरकार को इस आरक्षित दिन पर विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे को वीटो करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। तीसरे सुझाव के अनुसार कोई भी विधानसभा पटल पर चर्चा के बिना पारित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "सप्ताह में एक दिन विपक्ष द्वारा तय विषय पर चर्चा के लिए आरक्षित हो। सरकार को इस दिन वीटो करने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए।
सिब्बल ने ट्वीट कर ये भी लिखा, "कोई भी कानून बिना चर्चा के पारित नहीं होना चाहिए। विपक्ष को इस पर चर्चा में सहयोग करना चाहिए।" बताते चलें कि मई में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पिछले महीने समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर महंगाई और जीएसटी को लेकर विपक्षी दलों के विरोध के बीच सिब्बल का यह सुझाव आया है।