Kangana Ranaut: पंजाब के पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कंगना रनौत के खिलाफ ऐसा बयान दिया, जिसके बाद बवाल मच गया है। शिरोमणि अकाली दल के नेता के बयान पर खुद कंगना ने प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया है। कंगना रनौच ने सिमरनजीत की मानसिकता पर सवाल खड़े करते हुए कहा, "आज इस वरिष्ठ राजनेता ने बलात्कार की तुलना साइकिल चलाने से की है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि बलात्कार और मनोरंजन के लिए महिलाओं के खिलाफ हिंसा, इस पितृसत्तात्मक राष्ट्र के मानस में इतनी गहरी जड़ें जमा चुकी है।"
कंगना ने कहा, "ऐसा लगता है कि यह देश कभी भी बलात्कार को तुच्छ समझना बंद नहीं करेगा, इसका इस्तेमाल लापरवाही से चिढ़ाने या चिढ़ाने के लिए किया जाता है। किसी महिला का मजाक उड़ाओ, भले ही वह एक हाई प्रोफाइल फिल्म निर्माता या राजनीतिज्ञ हो।"
एक्ट्रेस ने बिना किसी का नाम लिए सिर्फ पंजाब पूर्व सांसद का वीडियो शेयर करते हुए यह टिप्पणी की है। इस वीडियो में पूर्व सांसद पत्रकारों से बात कर रहे हैं तभी उनसे एक शख्स से कंगना के किसानों पर दिए बयान के बारे में सवाल किया। इस सवाल के जवाब में संगरूर के पूर्व सांसद ने कहा, "कंगना रनौत को बलात्कार के मामले में काफी अनुभव है। आप उनसे पूछ सकते हैं कि यह कैसे होता है। लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि बलात्कार कैसे होता है।"
गुरुवार को दिए इस बयान ने भारी विवाद पैदा कर दिया। हालांकि, कंगना के पलटवार पर अभी तक नेता का कोई बयान सामने नहीं आया है।
दरअसल, अमृतसर के SAD प्रमुख ने हरियाणा चुनाव लड़ने की अपनी योजना की घोषणा करने के लिए करनाल में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता की वकालत करने वालों को सरकार निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि सिख स्वतंत्र नहीं हैं और वह एक अलग देश की उनकी इच्छा का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वे एक बफर राज्य चाहते हैं क्योंकि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वाघा सीमा को व्यापार के लिए खोल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारे लोग 30 साल से जेल में हैं, जो बहुत लंबा समय है और केंद्र सरकार को उन्हें रिहा कर देना चाहिए। सरकार ने कई लोगों को समय से पहले रिहा कर दिया है। हिंदू और सिखों में भेद क्यों?”
बता दें कि कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद बुधवार को रनौत ने स्वीकार किया कि किसानों के विरोध पर उनकी टिप्पणी को लेकर उनकी पार्टी भाजपा ने उन्हें फटकार लगाई थी। मंडी से लोकसभा सांसद ने कहा कि वह अपने शब्दों के साथ और अधिक सावधान रहने और पार्टी की नीतियों के साथ तालमेल बिठाने की उम्मीद कर रही हैं।
अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी पर विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अगर केंद्र सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए होते तो किसानों के विरोध प्रदर्शन से “बांग्लादेश जैसी स्थिति” पैदा हो सकती थी।
हालांकि, भाजपा ने उनकी टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी की नीतिगत मुद्दों पर बयान देने की न तो अनुमति है और न ही उन्हें अधिकृत किया गया है।