49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस यूयू ललित ने ली शपथ, पीएम मोदी समेत कई और नेता भी रहे मौजूद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 27, 2022 13:55 IST2022-08-27T10:58:41+5:302022-08-27T13:55:55+5:30

आपको बता दें कि न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे।

Justice UU Lalit took oath as the 49th Chief Justice many leaders including PM Modi were present | 49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस यूयू ललित ने ली शपथ, पीएम मोदी समेत कई और नेता भी रहे मौजूद

49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस यूयू ललित ने ली शपथ, पीएम मोदी समेत कई और नेता भी रहे मौजूद

Highlightsदेश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस यूयू ललित ने शपथ ली है। इस दौरान पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत और नेता भी वहां मौजूद थे। जस्टिस यूयू ललित को यह शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई है।

Justice Uday Umesh Lalit Oath: न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शनिवार को शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण करने के बाद न्यायमूर्ति ललित ने शपथ रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें बधाई दी। 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और किरेन रीजीजू समेत कई केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल हुए। 

शपथ ग्रहण के बाद न्यायमूर्ति ललित ने पिता के छुए पैर

न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे। न्यायमूर्ति ललित ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने 90 वर्षीय पिता एवं उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश उमेश रंगनाथ ललित समेत परिवार के अन्य बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। 

प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा। वह 65 वर्ष के होने पर इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति ललित के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ अगले प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं। 

न्यायमूर्ति ललित ने पहले क्या कहा था

न्यायमूर्ति रमण को विदाई देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति ललित ने शुक्रवार को कहा था कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि शीर्ष अदालत की भूमिका स्पष्टता के साथ कानून बनाना है और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जितनी जल्दी हो सके, बड़ी पीठें गठित हों, ताकि मुद्दों का तुरंत समाधान किया जा सके। 

न्यायमूर्ति ललित ने कहा था, ‘‘इसलिए हम यह कहने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि हां, हमारे पास कम से कम एक संविधान पीठ है, जो पूरे वर्ष काम करेगी।’’ उन्होंने कहा था कि वह जिन क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं, उनमें से एक संविधान पीठों के समक्ष मामलों को सूचीबद्ध करना और विशेष रूप से तीन न्यायाधीशों की पीठ को भेजे जाने वाले मामलों से संबंधित विषय हैं। 

सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर न्यायमूर्ति ललित ने क्या कहा 

मामलों को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया को यथासंभव सरल, स्पष्ट और पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।’’ अत्यावश्यक मामलों का उल्लेख करने के संबंध में न्यायमूर्ति ललित ने कहा था कि वह निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे। 

उन्होंने कहा था, ‘‘मैं पीठ पर अपने सभी विद्वान सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करूंगा और हम निश्चित रूप से बहुत जल्द इसे सुलझा लेंगे। इससे आपके पास एक स्पष्ट व्यवस्था होगी, जहां संबंधित अदालतों के समक्ष किसी भी अत्यावश्यक मामले का स्वतंत्र रूप से उल्लेख किया जा सकता है।’’ 

प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति ललित के कार्यकाल में संविधान पीठ के मामलों समेत कई अहम मामले शीर्ष अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने हाल में अधिसूचित किया था कि 29 अगस्त से पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध 25 मामलों पर सुनवाई शुरू की जाएगी।
 

Web Title: Justice UU Lalit took oath as the 49th Chief Justice many leaders including PM Modi were present

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