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यौन आरोपों पर CJI रंजन गोगोई बोले-20 साल की सेवा के बाद मिला यह इनाम, जानें 10 मुख्य बातें

By भाषा | Updated: April 20, 2019 12:29 IST

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा है कि न्यायिक प्रणाली में लोगों के विश्वास को देखते हुए हम सभी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर चिंतित हैं, इस तरह के अनैतिक आरोपों से न्यायपालिका पर से लोगों का विश्वास डगमगाएगा

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ठळक मुद्देमुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए-सीजेआई गोगोईन्यायाधीश के तौर पर 20 साल की निस्वार्थ सेवा के बाद मेरा बैंक बैलेंस 6.80 लाख रुपये है: सीजेआई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने अपने ऊपर एक महिला द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया है। ऑनलाइन मीडिया में एक महिला द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न के संबंध में लगाये गये आरोपों से जुड़ी खबरों के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने तमाम आरोपों को खारिज किया। जस्टिस गोगोई ने कहा, 'न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है और न्यायपालिका को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है।'

जानें सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की 10 मुख्य बातें:

1. न्यायपालिका की स्वतंत्रता ‘ बेहद गंभीर खतरे ’ मेंः जस्टिस गोगोई 

2. यह अविश्वसनीय है। मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिएः सीजेआई गोगोई

3. न्यायाधीश के तौर पर 20 साल की निस्वार्थ सेवा के बाद मेरा बैंक बैलेंस 6.80 लाख रुपये है: सीजेआई

4. कोई मुझे धन के मामले में नहीं पकड़ सकता है, लोग कुछ ढूंढना चाहते हैं और उन्होंने यह मिलाः गोगोई

5. इसके पीछे कोई बड़ी ताकत होगी, वह सीजेआई के कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैंः गोगोई

6. जस्टिस गोगोई ने कहा, 20 साल की सेवा के बाद यह सीजेआई को मिला इनाम है

7. मैं इस कुर्सी पर बैठूंगा और बिना किसी भय के न्यायपालिका से जुड़े अपने कर्तव्य पूरे करता रहूंगाः सीजेआई

8. मैंने अदालत में बैठने का असामान्य और असाधारण कदम उठाया है, क्योंकि चीजें बहुत आगे बढ़ चुकी हैं: सीजेआई

9. सीजेआई गोगोई ने कहा, न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता। 

10. न्यायिक प्रणाली में लोगों के विश्वास को देखते हुए हम सभी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर चिंतित हैं, इस तरह के अनैतिक आरोपों से न्यायपालिका पर से लोगों का विश्वास डगमगाएगा: न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा 

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