राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को मनोनीत किया है। इसे लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को दावा किया कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे। सिब्बल ने ट्वीट किया, ''न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं।''
उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।
वहीं, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर दो खबरें शेयर करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने जो खबरें शेयर की हैं उनमें से एक में गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने की है और दूसरी में कहा गया है कि न्यायपालिका पर जनता का विश्वास कम होता जा रहा है। सुरजेवाला ने ये खबरें शेयर करते हुए कहा, ''तस्वीरें सबकुछ बयां करती हैं।"
यही नहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने भी जमकर मजे लिए। ट्विटर पर एक यूजर ने इसपर लिखा टलॉयल बनो, वरना लोया बना दिए जाओगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लिखा “राफ़ेल मामले में फ़ैसला देकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराने वाले पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगई को राज्य सभा भेजकर भाजपा ने “सेवा का मेवा” दिया है।”
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा 'न्यायाधीश रंजन गोगोई ने क्या दिया, राफेल में क्लीन चिट, अयोध्या फैसला, एनआरसी पर फैसले, जस्टिस लोया मामले में याचिका खारिज की और कश्मीर मुद्दे पर देरी की। बदले में उन्हें क्या मिला, राज्यसभा की सदस्यता। न्यायपालिका की जय हो।”
बता दें कि गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था।