नई दिल्ली, 8 अप्रैल: 12 जनवरी को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ प्रेस क्रांफ्रेंस में करने वाले चार जजों में से एक और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस जे चेलामेश्वर ने एक इंटरव्यू के जरिए उस मुद्दे पर फिर से अपनी राय रखी है- 'हमने जो चिट्ठी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लिखा था, उसे सार्वजनिक इसलिए किया था क्योंकि हमारे कई कोशिशों के बाद भी हम समाधान पर नहीं पहुंच पा रहे थे। मैं 22 जून को रिटायर हो रहा हूं। रिटायर होने के बाद मैं कोई भी सरकारी पद नहीं लूंगा।'
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार करण थापर द्वारा लिए गए एक इंटरव्यू में जस्टिस जे चेलामेश्वर ने ये सारी बातें कही हैं। उन्होंने न्यायिक प्रणाली के सिस्टम में बदलाव को जरूरत बताया है। साथ ही उन्होंने कहा बेंचों को केस आवंटन के लिए पारदर्शी मैकेनिज्म हो। जस्टिस जे चेलमेश्वर ने उम्मीद जताई कि प्रधान न्यायाधीश ( सीजेआई ) दीपक मिश्रा के खिलाफ 12 जनवरी को किया गया विवादास्पद संवाददाता सम्मेलन जस्टिस रंजन गोगोई के अगले सीजेआई के रूप में पदोन्नत होने के रास्ते में बाधक नहीं बनेगा।लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें आशंका है कि जस्टिस गोगोई ( जो नवंबर 2017 में सीजेआई को लिखे पत्र का हिस्सा थे ) को अगले सीजेआई के रूप में पदोन्न्त नहीं किया जाएगा? जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा कि उन्हें आशा है कि ऐसा नहीं होगा और यदि ऐसा होता है तो यह साबित हो जाएगा कि 12 जनवरी के संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जो कहा था वह सही था। हालांकि उन्होंने कहा- 'मैं ज्योतिषी नहीं हूं।' मैं ( चिंतित ) नहीं हूं। मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा ( जस्टिस गोगोई को सीजेआई के रूप में पदोन्नत किये जाने से इनकार किया जाना) यदि ऐसा होता है तो वह सब साबित हो जायेगा जो उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा था वह सही था। जस्टिस चेलमेश्वर ने जस्टिस रंजन गोगोई , जस्टिस मदन बी . लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ 12 जनवरी को एक संवाददाता सम्मेलन किया था।