हैदराबादः तेलंगाना के जुबली हिल्सउपचुनाव के नतीजे शुक्रवार 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के साथ घोषित किए जाएंगे। बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ के इस साल जून में निधन के कारण जुबली हिल्सउपचुनाव कराना ज़रूरी हो गया था। इस निर्वाचन क्षेत्र में 11 नवंबर को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ था, जिसमें मात्र 48.47 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। उपचुनाव सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) दोनों के लिए अहम माना जा रहा है। यह उपचुनाव जून में बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के बाद कराया गया।
बीआरएस ने उनकी पत्नी सुनीता को उम्मीदवार बनाया, जबकि कांग्रेस ने नवीन यादव को उतारा है जिन्हें असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम का समर्थन प्राप्त है। भाजपा ने एल दीपक रेड्डी को मैदान में उतारा है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।
यादव (41) ने 2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम की ओर से और 2018 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। वह 2023 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इस साल जून में दिल का दौरा पड़ने से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण यह उपचुनाव हो रहा है।
तेलंगाना में जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतगणना 14 नवंबर को होगी। यह उपचुनाव सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.वी. कर्णन ने संवाददाताओं को बृहस्पतिवार को बताया कि मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी।
सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, उसके बाद 10 चक्र में मतगणना होगी। उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को हुए मतदान में 48.49 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। कुल पात्र मतदाताओं की संख्या 4.01 लाख थी, जिनमें से 1.94 लाख लोगों ने मतदान किया।
मतगणना प्रक्रिया के लिए सुरक्षा सहित व्यापक व्यवस्था की गई है। इस वर्ष जून में बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण यह उपचुनाव आवश्यक हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट से एल. दीपक रेड्डी को मैदान में उतारा है जबकि गोपीनाथ की पत्नी सुनीता बीआरएस की उम्मीदवार हैं।
सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार नवीन यादव हैं, जिन्हें असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) का समर्थन प्राप्त है। हालांकि उपचुनाव के परिणाम से कांग्रेस सरकार की सत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इसे मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सरकार की लोकप्रियता की परीक्षा के रूप में देखा जाएगा।