विजय रुपाणी की विदाई की पत्रकार ने पिछले साल कही थी बात, दर्ज हुआ था तब राजद्रोह का मामला, अब कहा- मेरी बात सही साबित हुई

By विनीत कुमार | Updated: September 12, 2021 12:41 IST2021-09-12T12:19:49+5:302021-09-12T12:41:23+5:30

धवल पटेल फिलहाल भारत में नहीं हैं। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर भी माफीनामे के बाद निरस्त कर दिया गया था। धवल पटेल ने अब कहा है गुजरात में अभी जो हो रहा है उससे उनकी लिखी गई रिपोर्ट की पुष्टि हुई है।

Journalist who writes last year tha CM Vijay Rupani will go says his story Vindicated | विजय रुपाणी की विदाई की पत्रकार ने पिछले साल कही थी बात, दर्ज हुआ था तब राजद्रोह का मामला, अब कहा- मेरी बात सही साबित हुई

विजय रुपाणी (फाइल फोटो)

Highlightsपत्रकार धवल पटेल ने पिछले साल कोविड महामारी की पहली पहल के दौरान विजय रुपाणी की विदाई की बात अपने रिपोर्ट में की थी।पटेल पर बाद में राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था और उन्हें 14 दिन न्यायिक हिरासत में भी रहना पड़ा था।धवल पटेल के लेख के प्रकाशित होने के कुछ समय बाद पोर्टल से हटा लिया गया था।

अहमदाबाद: गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही भाजपा किसी नए चेहरे को इस पद के लिए सामने ला सकती है। तमाम घटनाक्रमों के बीच पत्रकार धवल पटेल भी चर्चा में चर्चा में हैं। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार धवल पटेल ने कहा है कि विजय रुपाणी का जाना उनकी पूर्व में लिखी बात की पुष्टि है। धवल पटेल ने गुजरात के न्यूज वेब पोर्टल 'फेस ऑफ नेशन' के संपादक के तौर पर विजय रुपाणी की विदाई की बात कही थी। उन्होंने पिछले साल मई में कोविड की पहली लहर के बीच गुजरात में नेतृत्व में संभावित परिवर्तन की बात अपने एक लेख में कही थी।

पटेल पर तब राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था और उन्हें 14 दिन न्यायिक हिरासत में भी रहना पड़ा था। उन पर दर्ज एफआईआर के निरस्त किए जाने के बाद भारत से बाहर जा चुके पटेल ने शनिवार को कहा कि रुपाणी का इस्तीफा उनकी रिपोर्ट की पुष्टि करता है।

माफीनामे के बाद एफआईआर हुई थी रद्द

धवल पटेल के लेख के प्रकाशित होने के कुछ समय बाद हटा लिया गया था। वहीं एफआईआर को पिछले साल नवंबर में पटेल के गुजरात हाई कोर्ट के सामने बिना किसी शर्त के माफीनामे के बाद रद्द कर दिया गया था।

एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए तब कोर्ट ने पटेल को आगाह किया था कि वह भविष्य में कोई लेख प्रकाशित कर सकते हैं, लेकिन बिना सत्यापन के किसी भी संवैधानिक पद के खिलाफ ऐसी टिप्पणियों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और वह इसे नहीं दोहराएंगे।।

पटेल ने बताया कि वह दिसंबर 2020 में विदेश चले गए। अपनी बिना शर्त माफी के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य मामले को खींचना चाहता था और वे ऐसा नहीं चाहते थे क्योंकि यह उनके करियर को प्रभावित कर रहा था। इसलिए सरकारी वकील ने प्रस्ताव दिया कि वे माफी मांग लें।

पटेल ने अपनी स्टोरी को लेकर कहा, 'मैंने विश्वसनीय स्रोतों से पुष्टि पर रिपोर्ट की थी। देशद्रोह का मामला भी उस समय कोविड -19 संदर्भ को देखते हुए पत्रकारों पर दबाव बनाने का एक तरीका था।' 

पटेल की रिपोर्ट में बढ़ते कोविड -19 मामलों को लेकर रुपाणी सरकार की हो रही आलोचना के बाद भाजपा द्वारा नेतृत्व में बदलाव की बात का जिक्र किया गया था। इसमें कहा गया था कि मनसुख मंडाविया रुपाणी का स्थान ले सकते हैं।

मंडाविया द्वारा इस रिपोर्ट से इनकार के साथ-साथ उन्होंने कोविड -19 के खिलाफ रणनीति के लिए रुपाणी की सराहना भी की थी।

पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पटेल की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा जांच के बाद दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर थी। इसमें किसी भी राजनीतिक व्यक्ति द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई थी।

अपनी शिकायत में सब इंस्पेक्टर एसजे देसाई ने लेख का हवाला देते हुए कहा था कि इसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया गया था, और "अफवाहों ने लोगों में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा किया"।

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