बागपतः उत्तर प्रदेश के बागपत में उत्तराखंड के जोशीमट जैसी घटना सामने आई है। यहां के ठाकुरवाड़ा इलाके में जमीन धंसने की घटना सामने आई है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट प्रतीपाल चौहान ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि "हमें 5-6 घरों से दरारें आने की शिकायतें मिली हैं।'' उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने इसका कारण गैस लाइन बताया है। घटना की जांच के लिए SDM को निर्देशित किया गया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों घरों में दरारें आई हैं जिसकी वजह से उन्हें सुरक्षित जगह स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस घटना पर पैनी नजर रखे हुए हैं। बीते दिनों उन्होंने जोशीमठ के प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। बुधवार उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल रूप से 1.50 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही अत्यधिक दरार पड़ चुके घरों को गिराने के एवज में मालिकों को बाजार के रेट पर मुआवजा देने का ऐलान किया। हालांकि स्थानीय लोग घरों को गिराए जाने का विरोध कर रहे हैं जिसकी वजह से विध्वंस कार्य रोक दिया गया है।
गुरुवार सीएम धामी ने सेना, आईटीबीपी, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की। वहीं जोशीमठ के व्यापारिक संगठनों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंनें व्यापारी संगठन, निर्वाचित प्रतिनिधी आदि से मुलाकात की और उनको हर संभव मदद पहुंचाने की बात कही है। धामी ने कहा कि हम अंतरिम सहायता के रूप में 1.5 लाख रुपए की राशि लोगों के खातों में भेज रहे हैं। कमेटी तय करेगी कि और अच्छे से अच्छा रेट देंगे।
चमोली डीएम के मुताबिक 700 से अधिक घरों में दरारें देखी गई हैं। वहीं कर्णप्रयाग के करीब दो दर्जन घरों की दीवारों में दरारें परिलक्षित हुई हैं। सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। लोगों की मांग है कि उन्हें जिस रेट पर मुआवाजे देने की बात कही गई है, उस रेट का सरकार खुलासा नहीं कर रही है। परिवारों की मांग है कि उन्हें बदरीनाथ की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए।