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JNU यौन शोषण मामला: आरोपी प्रोफेसर सुनाते थे अश्लील जोक्स, अंगों की करते थे 'तारीफ', पढ़ें एक पीड़िता की शिकायत

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: March 21, 2018 14:59 IST

जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ यौन शोषण की एफआईआर दर्ज होने के चार दिन बाद वो गिरफ्तार हुए और करीब तीन घंटे बाद ही वो जमानत पर रिहा हो गये।

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर अतुल जौहरी पर नौ लड़कियों ने यौन शोषण का आरोप लगाया। मामले में पहली एफआईआर होने के चार दिन बाद अतुल जौहरी 20 मार्च को शाम 4.40 बजे के करीब गिरफ्तार हुए और करीब सात बजे जमानत पर रिहा हो गये। जौहरी को चट-पट मिली जमानत को लेकर भी छात्र और सोशल मीडिया यूजर्स सवाल उठा रहे हैं। जौहरी के खिलाफ एफआईआर भी तब दर्ज हुई जब जेएनयू के 50 प्रोफसरों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अतुल जौहरी पर जिन नौ लड़कियों ने आरोप लगाया है उनमें से दो के आरोप बहुत गंभीर हैं और गैर-जमानती अपराध के तहत आते हैं। अन्य सात लड़कियों ने भी जौहरी के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज करायी है। जौहरी ने  खुद पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। जौहरी पर आरोप लगाने वाली लड़की द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत की प्रति इंडिया टुडे ने प्रकाशित की है। मूल शिकायत इंग्लिश में है हम साभार उसका अविकल हिन्दी अनुवाद आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि आप मामले की गंभीरता को समझ सकें।

जौहरी जेएनयू के स्कूल ऑफ लाइफ साइसेंज में प्रोफेसर हैं। जेएनयू की वेबसाइटके अनुसार उनके तहत पाँच लड़के और छह लड़कियाँ पीएचडी कर रहे हैं। एक अन्य लड़की उनके तहत कोलैबरोशन पीएचडी स्टूडेंट है। जौहरी 50 से ज्यादा छात्रों के एमफिल सुपरवाइजर रह चुके हैं। जौहरी ने 1992 में एफफिल और 1995 में पीएचडी की। साल 2004 में जेएनयू में असिस्टेंट प्रोफेसर बने। साल 2008 में वो असोसिएट प्रोफेसर और 2014 में प्रोफेसर बने। अतुल जौहरी माइक्रोबायल पैथोजेनेसिस, मेंब्रान प्रोटीन्स स्ट्रक्चर, नैनोटेक्नोलॉजी फॉर जीन डिलिवरी एंड रैपिड डिटेक्शन ऑफ पैथोजिन्स इत्यादि विषयों के विशेषज्ञ हैं।

पढ़ें जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ एक पीड़िता द्वारा की गयी शिकायत-

प्रोफेसर अतुल जौहरी मेरे सुपरवाइजर हैं। जब मैंने साल 2013 में अतुल जौहरी की लैब में काम करना शुरू किया तो उनका बरताव ज्यादा ही दोस्ताना था। उन्होंने एक बार मुझसे पूछा कि क्या मेरा ब्वॉयफ्रेंड है और क्या मेरा उससे फीजिकल रिलेशन है? 

उन्होंने एक बार मुझे कुछ ऐसा जोक सुनाया, "शिवजी ने पार्वती से बोला मुझे वो (वैजाइना) चाहिए।" वो ऐसे जोक्स शेयर करते रहते थे। वो मुझे काम के सिलसिले में अपने दफ्तर में बुलाते रहते थे। जब मैं वहाँ जाती थी तो वो मुझे अपने पास सोफे पर बैठाते थे, न कि कुर्सी-टेबल पर। सोफे पर मेरे बगल में बैठकर वो बगैर मेरी मर्जी के मुझे गलत तरीके से पीठ और कन्धे पर छूते रहते थे।

उनकी हरकत हमेशा ही मुझे असहज करती थी और ये हमेशा कामुकता के प्रेरित होता था। 2014 में उनके चैम्बर में अपने सिनॉप्सिस लेकर मैं गई तो उन्होंने मुझसे कहा, "तुम्हारे बूब्स (स्तन) अच्छे हैं। तुम अपने निचले हिस्से का भी ध्यान रखा नहीं तो बाकी लड़कियों की तरह गंदी दिखने लगोगी जो इसका ध्यान नहीं रखतीं।"

उनके ऐसे हर बयान पर मैं जब एतराज जताती थी तो वो कहते थे कि "कम ऑन यू आर एडल्ट।" उनके बयान हमेशा ही अवांछित और असुविधाजनक होते थे। जब मैंने अपने लैब मेट्स को इस बारे में बताया तो उन्हें (जौहरी) पता चल गया कि मैंने दूसरी लड़कियों से उनकी गलत हरकत के बारे में बात की है। उसके बाद वो मुझे परेशान करने लगे।

उन्होंने मेरे लिए हालात मुश्किल बना दिए। उन्होंने मेरे काम पर ध्यान देना बंद कर दिया। वो मेरे एकैडमिक असाइनमेंट को भी लटकाने लगे। उसके बाद जब मैंने अपना लैब बदलवाने की कोशिश की तो विभाग ने मेरी मदद नहीं की। मैंने डीन से कहा कि वो मेरा सुपरवाइजर बदल दें। मैंने डीन को बताया कि मेरा यौन उत्पीड़न हो रहा है। चूँकि मैं अपना लैब नहीं बदल पाई इसलिए मुझे उन्हीं (जौहरी) के साथ काम करते रहना पड़ा। 

जनवरी 2017 में मैंने उन्हें अपने रिसर्च पेपर की मैनुस्क्रिप्ट भेजी। आज तक उन्होंने उस पर जवाब नहीं दिया है। जब भी कोई लड़की उनकी हरकतों पर आपत्ति जताती है या मेरी तरह विरोध करती है तो वो उसके अकादमिक प्रकाशनों को अटका देते हैं, जैसा कि मेरे केस में हुआ। मैं बुरी तरह डिप्रेस और परेशान हो गई क्योंकि मुझे मेरी थिसीस जुलाई में जमा करनी थी। मैंने आज तक इसकी शिकायत नहीं की क्योंकि मुझे विभाग से किसी भी तरह का सहायक प्रतिक्रिया नहीं मिली और मैं अपनी पीएचडी पूरी करने को लेकर भी चिंतित थी। लेकिन मैं उनकी (जौहरी) मौजूदगी में बहुत ही असुरक्षित महसूस कर रही हूँ और उनके कामुकता से प्रेरित बयानों और हरकतों से मैं हमेशा ही बहुत असहज हो जाती रही। 

कई बार अतुल जौहरी की पत्नी लैब में आईं और हमसे अनुरोध किया कि हम शाम को छह बजे के बाद लैब में न रुकें या सर (जौहरी) को अकादमिक कामकाज के लिए न संपर्क करें। मेरे प्रोफेशनल और एकैडमिक करियर में मुश्किलें आने के डर से मैंने अतुल जौहरी के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज कराई।  

लेकिन आज की खबर देखकर और ये जानकर कि उन्होंने हमारे सेंटर की कई अन्य छात्राओं के साथ क्या किया है, मैंने फैसला किया कि मैं शिकायत करूँगी। मैं मिस्टर जौहरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग करती हूँ। 

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू)यौन उत्पीड़नमहिला
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