नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोकने के लिए मंगलवार को बिजली आपूर्ति बंद कर दिया। विश्वविद्यालय के छात्रों ने ऐसा आरोप लगाया है। विवादित डॉक्यूमेंट्री का लिंक छात्रों के बीच शेयर किया गया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने बीते दिन 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी, जिसने भारत और विदेशों में एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी थी।
प्रशासन ने कहा था कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से विश्वविद्यालय परिसर की शांति और सद्भाव भंग हो सकता है। डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हुई घटनाओं पर आधारित है, जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहे थे। श्रृंखला का पहला भाग 17 जनवरी को यूके में प्रसारित किया गया था, और इसने एक बड़े विवाद को जन्म दिया है। पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को एक प्रचार कहा और कहा कि यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।
बता दें कि बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत में जमकर हंगामा हो रहा है। इसको लेकर भड़के विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। देश में इसकी स्क्रीनिंग रोकने पर कांग्रेस, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रही है। 2002 गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी यह डॉक्यूमेंट्री, तब के राजनीतिक हालात को बयां करती है, उस समय पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि यह एक प्रौपेगैंडा पीस है। इसका उद्देश्य एक तरह का नजरिया पेश करना है, जिसे लोग पहले ही नकार चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री की क्लिप दिखाने वाले ट्विटर और यूट्यूब चैनलों के खिलाफ आदेश जारी किया है। सरकार ने दोनों सोशल मीडिया हैंडल से संबंधित खातों को ब्लॉक करने की अपील भी की है।