लाइव न्यूज़ :

14 अगस्त से लापता, कहां गए 32 तीर्थयात्री, अभी तक नहीं?, देवी चंडी के मंदिर जाते समय चिशोती में बादल फटने की त्रासदी

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 15, 2025 11:11 IST

आपदा में कई तीर्थयात्री मारे गए थे और कई अन्य लापता हो गए थे, जिनमें से कुछ के शव कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद ही बरामद हो पाए थे।

Open in App
ठळक मुद्देबादल फटने के बाद, बचावकर्मियों ने लगभग 167 तीर्थयात्रियों को बचाया।लापता हुए बदकिस्मत 32 तीर्थयात्रियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। देवी चंडी के मंदिर जाते समय चिशोती में हुए बादल फटने की त्रासदी का शिकार हो गए थे।

जम्‍मूः मचेल माता के बेस कैंप चिशोती में एक माह पहले बादल फटने की घटना में लापता लोग अभी तक नहीं मिल पाए हैं। हालांकि इन लापता होने वालों की संख्‍यां पर अभी भी विवाद है क्‍योंकि मुख्‍यमंत्री यह संख्‍या 70 से अधिक बताते हैं तो आधिकारिक रिकार्ड में यह 32 है। हालांकि अभी तक 72 शव निकाले जा चुके हैं। याद रहे ये तीर्थयात्री 14 अगस्त के खूनी दिन, पहाड़ी किश्तवाड़ जिले में देवी चंडी के मंदिर जाते समय चिशोती में हुए बादल फटने की त्रासदी का शिकार हो गए थे। इस आपदा में कई तीर्थयात्री मारे गए थे और कई अन्य लापता हो गए थे, जिनमें से कुछ के शव कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद ही बरामद हो पाए थे। लापता हुए बदकिस्मत 32 तीर्थयात्रियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। वेसे बादल फटने के बाद, बचावकर्मियों ने लगभग 167 तीर्थयात्रियों को बचाया।

इस त्रासदी में 72 अन्य तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जबकि कई लापता घोषित कर दिए गए और बचावकर्मियों ने आपदा प्रभावित क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से कुछ लापता व्यक्तियों के कटे हुए अंग भी बरामद किए। लापता लोगों की तलाश के लिए लगातार प्रयास जारी हैं, लेकिन खोजकर्ताओं को अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।

अब जबकि यह त्रासदी लगभग एक महीना पुरानी हो चुकी है, सूत्रों ने बताया कि लापता लोगों के परिजन मृतकों से जुड़े रीति-रिवाजों को लेकर गहरे शोक और असमंजस में हैं, क्योंकि उन्हें अब भी उम्मीद है कि उनके लापता प्रियजन किसी दिन स्वस्थ होकर अपने परिवारों से मिल पाएँगे। हालांकि इन लापता लोगों के परिजन और अन्य प्रियजन कुछ दिनों तक घटनास्थल पर रुके।

खोजकर्ताओं की हर सफलता पर उत्सुकता से नज़र रखी, लेकिन कई दिनों तक कोई सफलता न मिलने पर, वे खोज अभियान की जानकारी के लिए प्रशासन, पुलिस और कुछ स्थानीय पत्रकारों के फ़ोन नंबर लेकर अपने घर के लिए रवाना हो गए।

लापता प्रियजनों को खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ते हुए, कुछ खोए हुए तीर्थयात्रियों के परिजनों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लापता तीर्थयात्रियों की तस्वीरें और अन्य विवरण भी पोस्ट किए। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कई दिन बीत जाने के कारण शव सड़ गए होंगे या नदी में बहकर किसी और जगह चले गए होंगे।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरबाढ़
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतजलवायु परिवर्तन का शिकार होती महिलाएं 

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतइंडिगो की 400 से ज्यादा उड़ानें आज हुई रद्द, यात्रियों के लिए मुश्किल हुआ हवाई सफर

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद