श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तीरीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी दलों में सक्रियता बढ़ गई है। चुनावी घोषणा के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है। उन्होंने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखने की बात कही है, जिसमें उन्होंने राज्य में अधिकारियों के हुए तबादलों को लेकर सवाल उठाया है। उनका मानना है कि एलजी द्वारा ऐसा इसलिए किया गया है कि जिससे भाजपा को इसका लाभ पहुंच सके।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम भारत के चुनाव आयोग को लिख रहे हैं कि उन्हें पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में हुए तबादलों की जांच करनी चाहिए। कई अधिकारियों को अचानक स्थानांतरित कर दिया गया, हमें संदेह है कि ये तबादले एलजी द्वारा भाजपा की बी और सी टीमों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए हैं, जिन्हें भाजपा ने यहां रखा है।
उन्होंने राज्य के नेताओं की सुरक्षा का मुद्दा भी मुद्दा उठाया। उमर ने कहा, "पिछले 1-2 वर्षों में, कुछ नेताओं की सुरक्षा कम कर दी गई है और वापस ले ली गई है। हम ईसीआई से अनुरोध करते हैं कि वे आदेश दें और सुनिश्चित करें कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए..."
अपने चुनाव लड़ने के सवाल पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला
जब उनसे चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ये संकेत दिए कि वह इस बार चुनाव लड़ सकते हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी से मेरे ऊपर बड़ा दबाव है कि मैं चुनाव लडूं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे वालिद साहब की उम्र ज्यादा हो गई है। उन्होंने मेरे से कहा है कि अगर मैं चुनाव नहीं लड़ता तो उन्हें मजबूरन चुनाव लड़ना पड़ेगा। इसलिए मैं अपने पार्टी के लोगों से अगले दो-तीन दिन में सलाह मशविरा करके स्थिति को साफ कर दूंगा।
राज्य में 3 चरणों में होंगे चुनाव
बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने घोषणा करते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। उन्होंने तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। जबकि 4 अक्टूबर को मतगणना होगी। 90 विधानसभा सीटों वाले राज्य में धारा 370 के हटने के बाद पहलीबार विधानसभा चुनाव होंगे।