मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने का स्वागत करने को तैयार जीतन राम मांझी, कहा-राज्यहित में स्वागत करूंगा
By एस पी सिन्हा | Updated: October 22, 2022 16:41 IST2022-10-22T16:41:36+5:302022-10-22T16:41:36+5:30
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जोर देते हुए कहा कि बिहार के हित में यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से संपर्क में जाकर कोई अगला कदम उठाते हैं, तो वह इसका स्वागत करेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने का स्वागत करने को तैयार जीतन राम मांझी, कहा-राज्यहित में स्वागत करूंगा
पटना: प्रशांत किशोर के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने के बयान पर एकबार फिर से सियासत गर्मा गई है। इस सियासी जंग में अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कूद पडे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य हित में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर सत्ता बदलते हैं तो मैं उसका अभिनंदन करुंगा। मांझी ने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है।
उन्होंने कहा कि राजनीति में 2+2=2 होते हैं और 2+2= 6 भी होते हैं। यह राजनीति की दिशा है। मांझी ने जोर देते हुए कहा कि बिहार के हित में यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से संपर्क में जाकर कोई अगला कदम उठाते हैं, तो वह इसका स्वागत करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल में इस तरह के हालात नहीं हैं, लेकिन ऐसा होता है तो यह वही बात है कि राजनीति में कुछ भी संभव है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि महामाया बाबू ने भी पाला बदला था। महामाया बाबू ने पाला बदले जाने पर कहा था कि जनहित में अगर सौ बार भी सत्ता परिवर्तन की नौबत आए मैं करूंगा। मांझी ने कहा कि जनहित में नीतीश कुमार के पाला बदलने से राज्य को फायदा है तो उसका स्वागत करेंगे।
ऐसे में मांझी के इस बयान के अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं। चार विधायकों वाली मांझी की पार्टी को वह महत्व नहीं मिल रहा है, जो कभी एनडीए सरकार में मिल रही थी। महागठबंधन में पूर्ण बहुमत की सरकार है और यहां कई पार्टियां ऐसी है, जिनके पास हम से अधिक विधायक है। यहां वह अपने किसी मांग को लेकर बिहार सरकार वह दबाव नहीं बना पा रहे हैं, जो वह कभी एनडीए सरकार में बना रहे थे।
जाहिर है कि मांझी को अब इस बात का एहसास होने लगा है और उन्होंने भी इच्छा जाहिर कर दी है। उल्लेखनीय है कि गुरूवार के दिन प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा से संपर्क होने की बात कही थी। इस बयान को कई राजनीतिक दल गंभीरता से ले रहे हैं।