Jharkhand swearing-in ceremony: झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन चुनाव से ठीक पहले प्रदेश की सत्ता में एक बार फिर से बड़ा बदलाव हो गया है। बुधवार को नाटकीय परिवर्तन तरह से चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। हेमंत सोरेन 5 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। झामुमो के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि 5 जुलाई को भगवान जगन्नाथ को याद करते हुए पहले प्रहर में हेमंत सोरेन की कैबिनेट का शपथ ग्रहण होगा। जगह अभी तय नहीं है।
कैबिनेट में किन लोगों को मंत्री बनाया जाएगा, इसके बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तय करेंगे कि उनकी कैबिनेट का हिस्सा कौन लोग होंगे। झारखंड में बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच हेमंत सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) एवं सहयोगी दलों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के साथ बृहस्पतिवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की।
राजभवन ने हेमंत सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया। बता दें कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामदलों के गठबंधन की सरकार चल रही है। हेमंत सोरेन जब जेल गए थे, तो चंपई सोरेन को उनकी जगह झारखंड के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 28 जून को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाला मामले में निर्दोष करार देते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। रिहाई के बाद हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहे हैं। लेकिन इसी बीच राज्य की सियासत गर्मा गई है।
भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को निशाने पर ले लिया और कई आरोप लगाए। इतना ही नहीं भाजपा ने आदिवासियों के अपमान करने का गंभीर आरोप भी लगाया। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से बयानों के गोले बरसाए जा रहे हैं। भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और इंडिया गठबंधन पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए आदिवासी नेता का अपमान करने की बात कही।
विधायक सीपी सिंह ने कहा कि ऐसे भी चंपई सोरेन को इन लोगों ने मुखौटा बनाया था, जबकि फैसला जेल से रहकर हेमंत सोरेन ले रहे थे तो बाहर आकर कर दो मुख्यमंत्री बन रहे हैं तो कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। इधर, झामुमो ने भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आदिवासियों की बात इनके जुबान से अच्छी नहीं लगती। यह हमारे परिवार का मामला है. उन्हें इसमें दखल देने की जरूरत नहीं। झामुमो ने कहा कि भाजपा डिवाइड एंड रूल पॉलिसी के तहत वह चाह रहे हैं कि हमारे बीच आपस में टूट हो जाए, लेकिन उन्हें झामुमो की बुनियाद का एहसास नहीं।
हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और जल्द ही शपथग्रहण समारोह आयोजित होने की संभावना है। शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक पृथक राज्य बना था। उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस बीच, नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ईडी जल्द ही झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकता है, जिसमें धनशोधन मामले में हेमंत सोरेन को जमानत दी गई थी। इस बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "झारखंड में चंपई सोरेन युग खत्म हो गया है। परिवारवादी पार्टी में, परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो जाएं।"
भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन के परिवार के बाहर के आदिवासी झामुमो में केवल अस्थायी चेहरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह परिवार अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लोगों का उपयोग करने में विश्वास रखता है। हेमंत, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हैं।
मरांडी ने आरोप लगाया कि पांच महीने पहले भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर नया मुख्यमंत्री चुनने की बात करने वाले झामुमो का असली चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि ''कोल्हान का टाइगर'' कहे जाने वाले चंपई सोरेन को आज चूहा बना दिया गया है। झारखंड मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 10 मंत्री हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं। झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था।
झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं।
भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है। झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं। राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है।