लाइव न्यूज़ :

झारखंड सरकार ने किसानों का 400 करोड़ रुपये का कृषि लोन माफ किया, 1.75 लाख किसानों को पहुंचा फायदा

By रुस्तम राणा | Updated: September 27, 2024 06:57 IST

लोन की राशि हस्तांतरित करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, "यह केवल ऋण माफी सभा नहीं है, बल्कि किसानों के सम्मान का उत्सव है। आज हम अपने किसानों के सम्मान के लिए एकजुट हैं।" 

Open in App
ठळक मुद्देCM ने डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 400 करोड़ रुपये की ऋण राशि हस्तांतरित कियाइस दौरान सीएम ने कहा, उन्होंने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जो मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैउन्होंने कहा, यह केवल ऋण माफी सभा नहीं है, बल्कि किसानों के सम्मान का उत्सव है

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची के प्रभात तारा मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 400 करोड़ रुपये की ऋण राशि हस्तांतरित करके 1.75 लाख से अधिक किसानों को बड़ी राहत प्रदान की। लोन की राशि हस्तांतरित करने के बाद सीएम सोरेन ने कहा, "यह केवल ऋण माफी सभा नहीं है, बल्कि किसानों के सम्मान का उत्सव है। आज हम अपने किसानों के सम्मान के लिए एकजुट हैं।" 

उन्होंने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जो मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। सोरेन ने किसानों की वित्तीय कठिनाइयों को उजागर करते हुए कहा कि उनके पास पर्याप्त बैंक बैलेंस या एटीएम कार्ड नहीं हैं। सोरेन ने कहा, "किसानों के लिए उनका खेत उनका बैंक है और उनका खलिहान उनका एटीएम है।" सोरेन ने एनडीए और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह "काले कानूनों" के जरिए किसानों को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रही है।

झारखंड के मुख्यमंत्री ने किसानों की एकता और सफल विरोध प्रदर्शन की सराहना की, जिसके कारण सरकार को विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करना पड़ा। सोरेन ने दोहराया कि उनकी सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का लक्ष्य रखती है, जिसके तहत ऋण माफी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सोरेन ने यह भी याद किया कि कैसे देशभर के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी को घेर रखा था। उन्होंने कहा, "किसानों ने दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को इस हद तक घेर लिया कि सरकार बच नहीं पाई। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई किसानों की जान चली गई, लेकिन वे दृढ़ रहे क्योंकि भाजपा व्यापारियों को बेचने के लिए काले कानून ला रही थी। 

देश की संपत्ति बेचने के बाद केंद्र सरकार अब किसानों को भी बेचने की तैयारी कर रही है। लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी और उनके व्यापक विरोध ने सरकार को घुटने टेकने और कानून वापस लेने पर मजबूर कर दिया।"

टॅग्स :हेमंत सोरेनझारखंडFarmers
Open in App

संबंधित खबरें

भारतझारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

भारतबिहार के बाद क्या झारखंड में भी बनेगी एनडीए सरकार, भाजपा-झामुमो के बीच खिचड़ी पकने की चर्चा से बढ़ा सियासी पारा

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

भारतUP: योगी सरकार के लिए पराली बनी मुसीबत, बढ़ गए पराली जलाने के मामले, 6284 मामले सामने आए

भारतFarmers Rally Today: चंडीगढ़ में आज किसानों की रैली, यातायात प्रतिबंध लागू; 10,000 से ज्यादा किसानों के पहुंचने की उम्मीद

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई