झारखंड में पांचवे और आखिरी चरण के चुनाव में सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. संथाल परगना क्षेत्र के कुल 16 सीटों पर कुल 237 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होने वाला है. इनमें 208 पुरुष और 29 महिला प्रत्याशी हैं. जरमुंडी सीट पर सबसे ज्यादा 26 तो पोडैयाहाट सीट पर सबसे कम 8 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.
अंतिम चरण की ये सीटें सत्ता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी संथाल परगना के पाकुड़ जिले में रैली की,वहीं भाजपा के ज्यादातर बड़े नेताओं ने भी ताबड़तोड़ रैलियां और जनसपंर्क किया. भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बाबुल सुप्रियों ने मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
दरअसल, झारखंड के संथाल परगना के क्षेत्र का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिन दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, वो भी इसी क्षेत्र में आती हैं. हेमंत दुमका और बरहेट सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं कांग्रेस के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री लुईस मरांडी और रणधीर सिंह भी मैदान में हैं. वैसे यह इलाका झामुमो का मजबूत गढ़ माना जाता है, जहां भाजपा सेंधमारी के लिए हरसंभव कोशिश में जुट गई है.
इसके बावजूद भाजपा और झामुमो के सामने एक तरफ अपने कब्जे वाली सीटें बचाने की चुनौती है तो कई सीटों पर दोनों दलों को अपने ही बागी नेताओं से मुकाबला करना पड़ रहा है.कौन सत्ता की कुर्सी पर बैठेगा और किसकी कुर्सी जाएगी, इसका फैसला आने वाली 23 तारीख को होगा.
हेमंत सोरेन पर आयोग ने कसा शिकंजा
झारखंड विधानसभा चुनाव में विवादित भाषण देने पर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन के विवादित भाषण पर साहेबगंज एवं पाकुड़ उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है.चुनाव आयोग ने भाषण की सीडी भी तलब की है. बता दें कि हेमंत सोरेन ने बुधवार को प्रियंका गांधी की जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए भाजपा के विरुद्ध विवादित बयान दिया था. भाजपा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी.
पहली बार चुनाव में विशेष हेलिकॉप्टर की सेवा
पांचवें और अंतिम चरण में अंत भला तो सब भला की तर्ज पर भारत निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारी की है. दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदानकर्मियों को पहुंचाने और नक्सलियों से निपटने के लिए इस चुनाव में पहली बार भारतीय वायु सेना के विशेष हेलिकॉप्टर की सेवा ली जा रही है. यह हेलिकॉप्टर खराब मौसम में भी आराम से उड़ान भरता है. उड़ान के दौरान किसी भी तरह के हमले से भी निपटने में यह सक्षम है. दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में शुक्र वार को जहां-जहां मतदान होना है उनमें कुछ नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. पूर्व में मतदान के दिन नक्सलियों द्वारा मतदानकर्मियों पर हमले और हिंसा की घटनाएं घट चुकी है. इस कारण निर्वाचन आयोग किसी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं है.
पांचवें चरण में भाजपा का चुनावी खेल बिगाड़ रहे बागी
पांचवें चरण की 16 सीटों में से करीब 6 सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा और झामुमो के सामने बागी चुनौती बने हुए हैं. हालांकि सबसे ज्यादा बागियों का सामना भाजपा को करना पड़ रहा है. ऐसा ही संकट राजद, कांग्रेस और झामुमो के सामने है. जरमुंडी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुंवर का सियासी खेल पार्टी से बगावत कर बसपा से चुनाव मैदान में उतरे संजयानंद झा और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे सीताराम पाठक खराब कर सकते हैं. जबकि, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के बादल पत्रलेख चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में भाजपा के मौजूदा विधायक देवेंद्र कुंवर की दूसरी बार जीत की राह में कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के बागी रोड़े बने हुए हैं. पाकुड़ विधानसभा सीट कांग्रेस और आलमगीर आलम का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस सीट से आलमगीर लगातार जीत का परचम लहराते आ रहे हैं, लेकिन इस बार अपने ही नेता मुसीबत बन गए हैं.
कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के चलते पूर्व विधायक अकील अख्तर आजसू से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. शिकारीपाड़ा सीट पर भी भाजपा और झामुमो दोनों को विपक्ष से ज्यादा अपनों से खतरा नजर आ रहा है. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी परितोष सोरेन के सामने पार्टी से बगावत करने वाले श्याम मरांडी आजसू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं. जबकि झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन के लिए भी कांग्रेस से बगावत कर बतौर निर्दलीय चुनावी रण में ताल ठोक रहे हाबिल मुर्मू ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. नाला विधानसभा सीट पर बागी भाजपा का खेल बिगाडने के लिए चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं.
नाला से भाजपा प्रत्याशी सत्यानंद बाटुल चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन बगावत कर नेशनल पीपल्स पार्टी के टिकट पर भाग्य आजमा रहे प्रवीण प्रभाकर और आजसू से माधव चंद्र महतो ने उनका सियासी खेल बिगाड़ दिया है. बोरियो विधानसभा सीट पर भाजपा के सूर्य नारायण हांसदा मैदान में हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ताला मरांडी ने टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ चुके हैं. इस बार वह आजसू से मैदान में उतरे हैं. इसीलिए भाजपा की राह आसान नहीं है. जामताडा विधानसभा सीट पर भी भाजपा को अपने ही बागी नेता से कड़ी टक्कर मिल रही है. भाजपा से वीरेंद्र मंडल के खिलाफ पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे तरु ण गुप्ता और भाजपा की पूर्व विधायक विष्णु की पत्नी चमेली देवी आजसू से चुनाव लड़ रही है.