रांची: अवैध खनन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है। ईडी ने हेमंत सोरेन को कल पूछताछ के लिए रांची स्थित अपने कार्यालय में बुलाया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत सोरेन से पूछताछ करना चाहती है और उनका बयान दर्ज करना चाहती है। एजेंसी ने कहा है कि उसने यह ‘‘पता कर लिया’’ है कि राज्य में अवैध खनन से संबंधित अपराधों से मिले धन का लेन-देन किस माध्यम से किया गया।
अवैध खनन मामले में पिछले कुछ महीनों में ईडी ने कई छापेमारी भी की थी। साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था।
दो अन्य- बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को भी एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने इससे पहले पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उनके सहयोगियों के 37 बैंक खातों में 11.88 करोड़ रुपये भी सीज किये थे। ईडी कथित खनन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
ईडी ने अब तक जांच को लेकर क्या कहा है?
ईडी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया कि हेमंत सोरेन के राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहैट में अपने सहयोगियों के माध्यम से अवैध खनन को 'नियंत्रित' करते हैं। ईडी ने रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में मिश्रा और उसके दो सहयोगियों-बच्चू यादव व प्रेम प्रकाश के खिलाफ 16 सितंबर को एक आरोप पत्र दाखिल किया था।
सोरेन झारखंड के साहिबगंज जिले की बरहैट विधानसभा सीट से विधायक हैं। ईडी ने बयान में आरोप लगाया था, 'पीएमएलए जांच से खुलासा हुआ है कि पंकज मिश्रा, जिसे मुख्यमंत्री और बरहैट के विधायक का प्रतिनिधि होने के नाते राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, अपने सहयोगियों के माध्यम से साहिबगंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन कारोबार और क्षेत्रीय नौका परिवहन सेवाओं को नियंत्रित करता है।'
ईडी का 42 करोड़ की संपत्ति की पहचान का दावा
जांच एजेंसी ने पूर्व में कहा था, 'वह (मिश्रा) साहिबगंज में विभिन्न खनन स्थलों पर स्टोन चिप्स और बोल्डर के खनन के साथ-साथ विभिन्न क्रशर के संचालन से जुड़े मामलों में अच्छा-खासा नियंत्रण रखता है।' बयान के मुताबिक, पंकज मिश्रा द्वारा अवैध गतिविधियों से ‘अर्जित’ लगभग 42 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति की पहचान की गई है।
गौरतलब है कि ईडी की जांच तब शुरू हुई थी, जब एजेंसी ने अवैध खनन और जबरन वसूली के कथित मामलों को लेकर आठ जुलाई को झारखंड के साहिबगंज, बरहैट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा इलाके में मिश्रा और उसके कथित सहयोगियों के 19 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने मार्च में मिश्रा और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने के बाद छापेमारी शुरू की थी। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया गया था कि मिश्रा ने ‘अवैध रूप से बड़े पैमाने पर संपत्ति हड़पी या अर्जित की है।’
(भाषा इनपुट)