रांची:झारखंड में लगातार बढ़ रहे सियासी हलचल के बीच अब सभी को चुनाव आयोग के अधिसूचना का इंतजार है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही चुनाव आयोग इस संबंध में अधिसूचना जारी कर सकता है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस चुनाव आयोग से परामर्श करके सभी संवैधानिक पहलूओं से अवगत हो चुके हैं। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अयोग्यता से संबंधित आदेश जारी होने का इंतजार किया जा रहा है।
राजभवन से मुख्यमंत्री की अयोग्यता का आदेश कब जारी होता है, फिलहाल इस पर संशय बरकरार है। हालांकि 'ऑपरेशन लोटस' के खौफ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर घंटे अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव कर रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन देने वाले सभी विधायकों को एकजुट रखने और सरकार को बचाने के लिए पूरी ताकत के साथ लगे हुए हैं।
पिछले तीन दिनों से मुख्यमंत्री आवास में बैठकों का दौर चल रहा है। इसी सिलसिले में शनिवार की देर शाम झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय भी रांची पहुंचे और देर रात उन्होंने भी कांग्रेस विधायकों के साथ लंबी बैठक की। उन्होंने सभी विधायकों को रांची में ही मौजूद रहने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय से मुलाकात करने के लिए रांची के मोरहाबादी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे थे। उस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम समेत पार्टी के सभी विधायक वहां मौजूद थे।
इससे पहले शनिवार को ही हेमंत सोरेन महागठबंधन के विधायकों के साथ बैठक करने के बाद अचानक विधायकों को बसों से लेकर निकल गए थे। संभावना जताई गई कि वे भाजपा के 'ऑपरेशन लोटस' के डर के कारण अपने विधायकों को लेकर छत्तीसगढ़ जा रहे हैं लेकिन बाद में वे खूंटी के एक रिसॉर्ट पहुंचे और वहां विधायकों के साथ मौज मस्ती करने के बाद देर शाम रांची वापस लौटे आये थे।
बता दें कि 29 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई वसंत सोरेन की विधायकी को लेकर भी फैसला आना है। ऐसे में कयास यह भी लगाया जा रहा है कि दोनों भाइयों की सदस्यता पर फैसला एक साथ सुनाया जा सकता है। लेकिन यह केवल चर्चा का विषय है। अधिसूचना जारी होने तक झारखंड में ऊहापोह की स्थिती बनी रह सकती है>
वहीं, झारखंड में गहराए सियासी संकट के बीच भाजपा सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सीधे जिम्मेदार हैं। उन्होंने खुद के नाम पर और परिवार के नाम राज्य को लूटा है। अब जब गर्दन फंसी है तो इसके लिए खुद मुख्यमंत्री सोरेन ही जिम्मेदार हैं। कहां क्या हो रहा है, इस बारे में राज्यपाल या चुनाव आयोग से ही जानकारी मिल सकती है। भाजपा को कोई जल्दीबाजी नहीं है।
बाबूलाल ने कहा कि पूरे प्रकरण से दूर भाजपा के लोग पार्टी के काम में जुटे हैं। मौजूदा सरकार की अस्थिरता के लिए केवल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही जिम्मेदार हैं। सरकर कभी गंभीर दिखी ही नहीं। उधर, आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि झामुमो के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए रोज नया एजेंडा लेकर आती है। अपने दायित्वों से भागने तथा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया को ही ड्रामा बना दिया है।