झारखंड: रोपवे हादसे से तीन सप्ताह पहले ऑडिट में दी गई थी चेतावनी, रस्सी और उसके जोड़ों की निगरानी की कही गई थी बात

By विशाल कुमार | Published: April 13, 2022 07:51 AM2022-04-13T07:51:28+5:302022-04-13T07:55:12+5:30

ऑडिट रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रस्सी को साफ और जंग से सुरक्षित रखा जाना चाहिए। विशेष ध्यान दिया जा सकता है... क्योंकि रस्सी सात साल से अधिक पुरानी है। यदि कोई असामान्यता दिखाई देती है, तो रस्सी को तुरंत बदला जा सकता है।

jharkhand-cable-car-accident-audit-warned-keep-watch-on-rope | झारखंड: रोपवे हादसे से तीन सप्ताह पहले ऑडिट में दी गई थी चेतावनी, रस्सी और उसके जोड़ों की निगरानी की कही गई थी बात

झारखंड: रोपवे हादसे से तीन सप्ताह पहले ऑडिट में दी गई थी चेतावनी, रस्सी और उसके जोड़ों की निगरानी की कही गई थी बात

Highlightsदेवघर रोपवे की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है।सरकार समर्थित एजेंसी ने केबल कारों को ढोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्टील की रस्सी का लगभग तीन सप्ताह पहले एक सुरक्षा ऑडिट किया था।रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रस्सी को साफ और जंग से सुरक्षित रखा जाना चाहिए।

रांची:झारखंड में देवघर रोपवे की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन होने के साथ ही यह सामने आया कि सरकार समर्थित एजेंसी ने केबल कारों को ढोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 1,770 मीटर लंबी स्टील की रस्सी का लगभग तीन सप्ताह पहले एक सुरक्षा ऑडिट किया गया था और बताया था कि इसकी स्थिति संतोषजनक थी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ऑडिट रिपोर्ट ने 24 स्थानीय खामियों/त्रुटियों की शुरुआत की ओर इशारा किया और सिफारिश की कि रस्सी और उसके जोड़ों या स्प्लिसिंग भागों की निगरानी रखी जाए।

लेकिन महत्वपूर्ण रूप से, इसने इस बात पर जोर दिया कि जांच में थकान के पहलू को शामिल नहीं किया गया है जो कि 2014 में स्थापित ढुलाई रस्सी पर समय के साथ विकसित हो सकता है।

रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रस्सी को साफ और जंग से सुरक्षित रखा जाना चाहिए। विशेष ध्यान दिया जा सकता है... क्योंकि रस्सी सात साल से अधिक पुरानी है। यदि कोई असामान्यता दिखाई देती है, तो रस्सी को तुरंत बदला जा सकता है।

रिपोर्ट धनबाद स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीआईएमएफआर) द्वारा तैयार की गई थी, जो वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत कार्य करता है।

बता दें कि, देवघर में 10 अप्रैल की शाम त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोप-वे की केबल कारों में हुई टक्कर के बाद 1500 से 2000 फीट की उंचाई पर 25 केबल कारों में फंसे 48 लोगों में से 46 को बचा लिया गया। 

इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि 12 अन्य घायल हो गये जिनमें से दो की मौत हेलीकॉप्टर से बचाये जाने के दौरान नीचे गिर जाने से हुई।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर स्थित रोपवे में रविवार को हुए हादसे में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने और घायलों के निशुल्क इलाज की घोषणा की।

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