Jharkhand Assembly Elections: भारतीय जनता युवा मोर्चा की आक्रोश रैली पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला। चौहान ने कहा कि हेमंत सोरेन क्यों डर रहे हैं? उन्होंने झारखंड को अराजकता की खाई में धकेल दिया है। युवा न्याय मांगने आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आपने बात की थी। बेरोजगारी भत्ता देकर आपने नौकरी देने की बात की थी लेकिन आपने नहीं दी। जब युवा न्याय मांगने आ रहे हैं तो हमारे कार्यकर्ताओं के विरोध को दबाने की कोशिश क्यों की जा रही है पूरी रात प्रताड़ित किया गया। मैं हेमंत सोरेन सरकार से कहना चाहता हूं कि रावण का भी अहंकार चूर हो गया था, अगर वह सोचता है कि न्याय और अधिकार की लड़ाई को इस तरह कुचला और दबाया जा सकता है, तो वह गलत है... झारखंड के युवा, लड़ेंगे और लड़ाई जीतेंगे।
चौहान ने बृहस्पतिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का उल्लेख करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर उनके सभी करीबियों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। चौहान ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिनको हेमंत ने ठगा नहीं।’’
रांची पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘चंपई सोरेन ने अपना दर्द बयां किया है। वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में एक हैं जिन्होंने शिबू सोरेन के साथ काम किया है लेकिन जिस तरह उनका अपमान किया गया, कोई भी आहत होगा।’’ चौहान ने हेमंत की भाभी सीता सोरेन के पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए झामुमो से निष्कासन का भी जिक्र किया।
झारखंड के मांझी बनने के राह पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, बनाएंगे अपनी पार्टी, सियासत के पलड़े को करेंगे बैलेंस
बिहार से अलग होकर वर्ष 2000 में राज्य बनने तक के सफर में झारखंड में सियासत खंड-खंड होती रही है। अब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बगावती सुर ने एक बार फिर से राज्य में सियासत खंड-खंड होती दिखने लगी है। चंपई सोरेन के द्वारा एक नई पार्टी बनाए जाने का ऐलान किए जाने के बाद बिहार में जीतन राम मांझी वाली सियासत की चर्चा होने लगी है।
कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन झारखंड का जीतन राम मांझी बनना चाहते हैं ताकि जरूरत के हिसाब से सियासी पलड़े पर भारी पड़े और सत्ता में उनकी हनक बरकरार रहे। बता दें कि जब नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता की चाभी जीतन राम मांझी को दी थी, उसके बाद जीतन राम मांझी के बगावती सुर की चर्चा खूब हुई थी। लेकिन जीतन राम मांझी अब खुद एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और केंद्रीय मंत्री भी हैं।
इस बीच झामुमो से किनारा कर खुद की पार्टी बनाने का दावा करने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अब कोल्हान मजबूती दौरे पर निकल गए हैं। दिल्ली से वापस लौटने के बाद चंपई सोरेन ने अलग पार्टी बनाने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में मंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को खरसावां शहीद बेदी स्थल पहुंचे और वहां उन्होंने शहीद स्थल पर माथा टेक कर नए अध्याय की शुरुआत की घोषणा की।
इस मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि नए अध्याय शुरुआत को लेकर इनका यह खरसावां दौरा है। उन्होंने कहा है कि आगे कोल्हान के सभी 14 सीटों पर दौरा कर बनने वाले संगठन को मजबूत करेंगे। चंपई सोरेन ने साफ किया है कि वे कोल्हान पर अब फ़ोकस कर रहे हैं। एक दिन पूर्व नए संगठन बनाने की घोषणा के साथ चंपई ने कहा है कि एक सप्ताह के भीतर पूरी तस्वीर और स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने गठबंधन के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। चंपई सोरेन ने कहा कि मैंने तीन विकल्प बताए थे, रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊंगा। मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा।
वहीं, खरसावां शहीद बेदी पर श्रद्धांजलि देने के बाद चंपई सोरेन अपने समर्थकों से मिले और इसके बाद वे चाईबासा निकल गए। इस बीच चंपई सोरेन के नई पार्टी के ऐलान के बाद कई राजनीतिक दलों की नजर उन पर है और उन दलों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू भी शामिल है। हाल ही में जदयू में शामिल हुए सरयू राय ने चंपई सोरेन को जदयू में शामिल होने का खुला ऑफर दिया है।
दरअसल, जानकारों का कहना है कि कुछ महीनों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी की सवारी कर चुके चंपई सोरेन को सत्ता का स्वाद लग गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद का स्वाद लगने के बाद वह अपना दमखम दिखाने को बेचैन दिख रहे हैं।
बता दें कि लैंड स्कैम मामले में ईडी के द्वारा हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी। लेकिन जैसे ही जेल से बाहर आए बिना किसी देर के उन्होंने चंपई सोरेन से कुर्सी वापस ले ली। अब चंपई सोरेन को वह दुख और सुख बेचैन कर दिया है।