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Jharkhand Assembly Elections 2024: विधानसभा चुनाव की आहट, शगुन और अपशगुन डर से सहमे माननीय!, बदल रहे आवास, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता डोरंडा से दीनदयाल नगर पहुंचे...

By एस पी सिन्हा | Updated: July 10, 2024 17:57 IST

Jharkhand Assembly Elections 2024: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का पुराना आवास डोरंडा था। लेकिन दीनदयाल नगर नए ठिकाना हो गया है।

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ठळक मुद्दे घर शिफ्ट करने को लेकर कई बातें निकल कर सामने आई थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में राजपरिवार जीत हासिल की और मंत्री बने।2009 में कांग्रेस के टिकट से विधायक बने सावन लकड़ा भी इसी आवास में रहते थे।

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव जल्द होने की आहट मिलते ही कुछ माननीय शुभ और अशुभ के चक्कर में पड़कर अपना आवास बदलने लगे हैं। इसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और झरिया से विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह आगे हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में अनहोनी की आशंका को देखते हुए अपना आवास बदल लिया है। दरअसल, यह लोग जिस आवास में रह रहे थे, उस घर का अभी तक का रिकॉर्ड रहा है कि कोई विधायक दोबारा चुनाव जीत कर नहीं आया है। इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का पुराना आवास डोरंडा था। लेकिन अब वह दीनदयाल नगर नए ठिकाना हो गया है।

जानकारों के अनुसार घर शिफ्ट करने को लेकर कई बातें निकल कर सामने आई थी। जिसमें सबसे प्रमुख चर्चा यह है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में राजपरिवार जीत हासिल की और मंत्री बने। लेकिन 2019 चुनाव में वह हार गये। पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के मंत्री राजपरिवार इस सरकारी आवास में रहते थे। वही 2009 में कांग्रेस के टिकट से विधायक बने सावन लकड़ा भी इसी आवास में रहते थे।

लेकिन दोबारा चुनाव नहीं जीत पाए। वहीं धनबाद जिले की झरिया विधानसभा से पहली बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची पूर्णिमा नीरज सिंह ने दीनदयाल नगर में मिला सरकारी विधायक आवास विभाग को वापस कर दी है। इसके पीछे का कारण भी यही है कि इस सरकारी बंगले में जीतने माननीय रहे, दोबारा जीत का स्वाद नहीं चख पाये हैं।

इससे पहले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, लोहरदगा लोकसभा से 2024 में चुनाव जीत कर सांसद बने सुखदेव भगत और मनोज यादव का यह सरकारी ठिकाना हुआ करता था। लेकिन किसी ने इस घर में रहते हुए दोबारा चुनाव नहीं जीत पाया। इसी तरह रातू रोड में आकाशवाड़ी के पास चतरा विधानसभा से राजद के टिकट पर चुनाव जीते सत्यानंद भोक्ता सरकार में श्रम मंत्री की भूमिका निभा रहे हैं।

इनके लिए यह आवास इसलिए चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि अब वह अपने विधानसभा से चुनाव ही नहीं लड़ पायेंगे। इसका कारण यह है कि चतरा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है और भोक्ता जाति को केंद्र सरकार ने पिछले साल अनुसूचित जनजाति में शामिल कर दिया है। जिसकी वजह से इस सीट से मंत्री सत्यानंद भोक्ता चुनाव नहीं लड़ पायेंगे।

इससे पहले इस आवास में पूर्ववर्ती रघुबर सरकार की मंत्री लुईस मरांडी और मंत्री स्व. राजेंद्र सिंह के साथ समरेश सिंह इसी घर में रहते हुए चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में भोक्ता भी इस आवास को लेकर ज्यादा ही परेशान हैं। वह भी नए आशियाने की मांग सरकार से कर रहे हैं। यह महज कुछ उदाहरण मात्र हैं। ऐसे कई माननीय हैं जो शगुन और अपशगुन के डर से सहमे हुए हैं।

टॅग्स :झारखंड विधानसभा चुनाव 2019झारखंडकांग्रेसBJP
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